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रोडरेज मामले में सिद्धू की सजा पर सस्पेंस, सुप्रीम कोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला

रोडरेज के तीस साल पुराने मामले में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट से तीन साल की सजा मिलने पर पूर्व क्रिकेटर सिद्धू ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार में पर्यटन मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। रोडरेज के तीस साल पुराने मामले में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट से तीन साल की सजा मिलने पर पूर्व क्रिकेटर सिद्धू ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। पंजाब के पर्यटन मंत्री और कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि 1988 के सड़क पर मारपीट मामले में उन्हें तीन साल की कैद की सजा सुनाने वाले पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट का फैसला सबूतों की बजाय ‘धारणा’ पर आधारित है ।

सिद्धू के वकील ने न्यायमूर्ति जे चेलमेश्वर और न्यायमूर्ति एस के कौल की पीठ से कहा कि मेडिकल सबूतों में खामियां हैं और अभियोजन पक्ष ने निचली अदालत के समक्ष शपथ लेकर अलग-अलग बयान दिए हैं। सिद्धू की ओर से वरिष्ठ वकील आर एस चीमा सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए। चीमा में अपनी दलील देते हुए सुप्रीम कोर्ट में कहा कि, हाई कोर्ट का फैसला धारणा पर आधारित है न कि मेडिकल सबूत पर। कानून में फैसला सबूतों पर होता है, धारणाओं पर नहीं।" बता दें कि हाई कोर्ट ने सिद्धू को रोड रेज के मामले में दोषी ठहराया था और उन्हें तीन साल की कैद की सजा सुनाई थी।

सिद्धू ने याचिका में कहा था कि वह निर्दोष हैं, उन्हें फंसाया गया है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों को 24 अप्रैल तक लिखित जवाब दाखिल करने को कहा था। मंगलवार को सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष की और से कहा गया था कि इस मामले में कोई भी गवाह खुद से सामने नहीं आया, जिन भी गवाहों के बयान दर्ज किए गए है, वह पुलिस की तरफ से फ्रेम किए गए हैं। गवाहों के बयान भी विरोधाभासी हैं।

सिद्धू की तरफ से अदालत में दलील दी गई थी कि पटियाला निवासी गुरनाम सिंह की मौत का वास्तविक कारण अब भी अस्पष्ट है। सिद्दू की और से दायर हलफनामें में कहा गया है कि गुरनाम सिंह को धक्का देने और उसकी गाड़ी से चाभी निकालने की बात एकदम गलत है। उनके वकील ने कहा कि हाईकोर्ट का फैसला भावुक तथ्यों पर निर्भर करता है। बता दें कि पटियाला निवासी गुरमान सिंह की कथित रूप से सिद्धू द्वारा घूसा मारने से मौत हो गई थी।

बता दें कि कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हाई कोर्ट के फैसले का समर्थन किया था जिसमें हाई कोर्ट ने सिद्धू को दोषी ठहराया गया था।


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