आपको बता दें कि ईडी की ओर से रॉबर्ट वाड्रा की अंतरिम जमानत रद्द करने संबंधी याचिका भी कोर्ट में लगाई गई है, जिस पर सुनवाई चल रही है। इस बीच ईडी ने दोबारा रॉबर्ट वाड्रा से पूछताछ का मन बनाया है और इस संबंध में कार्रवाई को आगे बढ़ाया है। दरअसल ईडी ने कोर्ट में दलील दी थी कि रॉबर्ट वाड्रा केस को प्रभावित कर सकते हैं, ऐसे में उनकी अंतरिम जमानत रद्द की जाए। निचली अदालत ने रॉबर्ट वाड्रा और उनके सहयोगी को 1 अप्रैल को अंतरिम जमानत दे दी थी।
ईडी की तरफ से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दलील दी है कि एजेंसी वाड्रा को हिरासत में लेना चाहती है, क्योंकि वाड्रा जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। यही नहीं मेहता ने ये भी कहा कि निचली अदालत ने इस मामले पर गंभीरता ने विचार न करते हुए वाड्रा को अंतरिम जमान दे दी है।
वाड्रा से इसी साल फरवरी महीने में लगातार तीन दिन तक ईडी ने पूछताछ की थी। इस दौरान रॉबर्ट वाड्रा ईडी दफ्तर तक छोड़ने के लिए खुद प्रियंका गांधी वाड्रा भी पहुंचीं थी। दरअसल दुबई के जुमेराह विला और लंदन के फ्लैट को खरीदने के लिए हुई कथित बेनामी लेन-देन के विवरण उनसे पूछताछ की गई थी। जब उनसे पूछा गया था कि वह स्काईलाइट इनवेस्टमेंट एफजेडई कंपनी में जमा इतनी बड़ी रकम के स्रोत के बारे में बताए तो उन्होंने इसका जवाब देने से मना कर दिया था।