
कोरोना वायरस से निपटने के लिए तैयार हुआ रोबोट, भारत में मिलेगा सबसे सस्ते रेट में, जानिए इसकी खूबियां
नई दिल्ली. कोरोना वायरस का कहर लगातार जारी है। इसस बचने के लिए जहां सैनिटाइजेशन के लिए ड्रोन का सहारा लिया जा रहा है ड्रोन से सबसे पहले कंटेनमेंट एरिया में छिड़काव किया जाएगा तो वहीं अब रोबोट को भी इस काम में जुटा दिया गया है। भारत की ही एक कंपनी ने ऐसा रोबोट बनाया है, जिसकी मदद से इन इलाकों को बिना इंसान के जाए सैनिटाइजेशन किया जा सकता है। नई दिल्ली नगर निगम ने इस रोबोट का इस्तेमाल शुरू कर दिया है।
इंजीनियर्स की टीम ने की खोज
यह रोबोट अल्ट्रा वायलेट तकनीक पर आधारित है। जिसे भारतीय स्टार्ट-अप इंजीनियर्स की टीम ने इसकी खोज की है। ये रोबोट ऐप के माध्यम से 200 मीटर की दूरी से अस्पतालों, बाजार, ऑफिसों को सैनिटाइज कर सकता है। इस मशीन की मदद से मिनटों में कमरे, उपकरण, कार्यालय इत्यादि को कीटाणु शोधित बनाया जा सकता है।
जानिए, कितनी है कीमत
इस यूवी रोबोट के जरिए एक घंटे में 12,000 वर्ग फुट तक के इलाके को सैनिटाइज किया जा सकता है। इसकी जहां भारत में लागत लगभग 50 हजार रुपये है, वहीं विदेश में यह लगभग 7-8 लाख का रुपये है।
प्रशासन कि मदद से सैनिटाइजेशन का काम हुआ तेज
वहीं, दूसरी तरफ एक युवा इंजीनियर सागर गुप्ता नौगरिया और प्रशांत पिल्लई ने 2015 में इंडियन रोबोटिक्स सॉल्यूशन की स्थापना की, जो सरकार की इस कोशिश में एहम भूमिका निभा रही है। उन्होंने कंपनी द्वारा बनाए गए कोरोना कॉम्बैट ड्रोन की मदद से देश की राजधानी में सरकार और प्रशासन कि मदद से सैनिटाइजेशन का काम काफी तेज और कुशल तरीके से किया है।
85 किलोमीटर के एरिया को किया सैनिटाइज
उन्होंने एक साथ मिलकर एक नजरिये का रूप दिया। नॉन आईआईटी बैकग्राउंड से होने के बावजूद इनका लक्ष्य विश्व पटल पर रोबोटिक्स सॉल्यूशंस को नया आयाम देना है। कोरोना से लड़ने की इस मुहिम में उन्होने 85 किलोमीटर के एरिया को सैनिटाइज किया, जिसने इस महामारी को रोकने में किसी ढाल की तरह काम किया है। कोरोना कॉम्बैट ड्रोन सागर की पहली पहल है, जो कम समय में बड़े इलाकों को कवर करते हुए सैनिटाइजेशन का काम करती है।
Published on:
09 May 2020 04:14 pm
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