
RSS ने की प्रवासी कामगारों के लिए हेल्प डेस्क की स्थापना की।
नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ( Rss ) के सहयोगी संगठनों ने स्किल मैपिंग ( Skill mapping ) का काम शुरू कर दिया है। स्किल मैपिंग सर्वें में कोरोना वायरस ( Coronavirus Pandemic ) और लॉकडाउन ( Lockdown ) की वजह से अपने-अपने घर लौट चुके बेरोजगारों को शामिल करने की योजना है। इसका मकसद बेरोजगारों का एक डेटाबेस तैयार कर उसे केंद्र और राज्यों की सरकारों से साझा करने की है। ताकि सरकारी योजनाओं में इन बेरोजगारों को रोजगार से जोड़ा जा सके।
बता दें कि लॉकडाउन का असर जानने के लिए केंद्र और राज्यों की सरकारें भी मजदूरों का डेटाबेस ( Database ) तैयार करने के काम में जुटी है।
भारतीय मजदूर संघ के राष्ट्रीय महासचिव वीरेश उपाध्याय ( National General Secretary of Bharatiya Mazdoor Sangh Viresh Upadhyay ) के मुताबिक स्किल मैपिंग का कुशलतापूर्व संपन्न करने के लिए आरएसएस ( RSS ) से जुड़े लोगों ने जिला से लेकर पंचायत स्तर तक के प्रवासियों के लिए हेल्प डेस्क की स्थापना की है। इस हेल्प डेस्क के जरिए बेरोजगार कामगारों को सरकारी योजनाओं से जोड़ना है। ताकि सरकार अपनी योजनाओं के मुताबिक प्रवासी कामगारों ( Migrant Laborers ) को आजीविका चलाने में मदद कर सके।
स्किल मैपिंग सर्वे के अन्तर्गत बेरोजगारों से बात कर उनके काम का प्रोफ़ाइल, लॉकडाउन से पहले मासिक आय, मासिक खर्च, परिवार में सदस्यों की संख्या, बच्चे कहां पढ़ रहे थे, कितना किराया दे रहे थे व अन्य आंकड़ें हासिल किए जाएंगे।
आरएसएस से जुड़े एक वरिष्ठ पदाधिकारी के मुताबिक अपने गांव लौटने वाले प्रवासी कामगारों के स्किल मैपिंग का काम जोरों पर चल रहा है। आरएसएस के सहयोगी संगठनों ( RSS affiliates ) से जुड़े कार्यकर्ताओं को डेटाबेस तैयार करने का काम गंभीरता से करने को कहा गया है।
बता दें कि इस स्किल मैपिंग सर्वे ( Skill mapping Survey ) के पीछे आरएसएस का मकसद घर लौटे मजदूरों को रोजगार दिलाना और अकुशल श्रमिकों को प्रशिक्षण देने की भी योजना है।
Updated on:
08 Jul 2020 07:00 pm
Published on:
08 Jul 2020 06:58 pm
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