
संघ प्रमुख मोहन भागवत को कोर्ट में पेश होने का आदेश, लाठियों के साथ हुआ था पंथ संचालन
नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत को नागपुर की एक अदालत ने नोटिस जारी कर हाजिर होने का आदेश दिया है। संघ पर आरोप है कि है कि पिछले दिनों एक कार्यक्रम के दौरान पुलिस की इजाजत का उल्लंघन करते हुए स्वयंसेवकों ने कार्यक्रम के दौरान लाठियों का प्रदर्शन किया था, जबकि पुलिस ने पथ संचलन की अनुमति बगैर हथियार के दी थी।
लाठियों के साथ 700 स्वयं सेवकों ने किया था पथ संचलन
एक अंग्रेजी अखबार की खबर के मुताबित नागपुर के रहने वाले मोहनीश जीवनलाल जबलपुरी की याचिका पर नागपुर डिस्ट्रिक सेशन कोर्ट ने भागवत को 11 दिसंबर को पेश होने को कहा है। याचिकाकर्ता ने अरनी शिकायत में कहा है कि इसी साल सात जून में संघ मुख्यालय में एक कार्यक्रम का आयोजन हुआ था। इस कार्यक्रम में संघ ने पुलिस से 700 स्वयं सेवकों के साथ पथ संचालन की अनुमित मांगी थी। पुलिस ने कार्यक्रम को बगैर हथियार करने को मंजूरी दी थी। लेकिन इस रैली में शर्तों का उल्लंघन हुआ और स्वंय सेवक लाठियों के साथ पथ संचलन में शामिल हुए। याचिकाकर्ता ने इसकी शिकायत पहले मजिस्ट्रेट से की लेकिन मामला खारिज होने के बाद वह सेशन कोर्ट पहुंच गए।
संघ के इसी कार्यक्रम में शामिल हुए थे पूर्व राष्ट्रपति
बता दें कि सात जून को नागपुर स्थित संघ मुख्यालय में संघ शिक्षा वर्ग के तृतीय वर्ष का आयोजन हुआ था। इसमें पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी भी शामिल हुए थे। कार्यक्रम में उनके शिरकत करने को लेकर कांग्रेस में जमकर बवाल हुआ। इसके बादवजूद भी वे कार्यक्रम में शामिल हुए। खुद मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा भी अपने पिता के इस फैसले पर नाखुश थी। यहां अपने भाषण में प्रणब मुखर्जी ने कहा कि वो राष्ट्र, राष्ट्रीयता और देशभक्ति के बारे में अपने विचार रखने यहां आए हैं। सभी बातें एक दूसरे के साथ मिली हुई हैं। मुझे लगता है कि इन्हें अलग-अलग करना मुमकिन नहीं है। राष्ट्र, राष्ट्रीयता और देशभक्ति तीनों में नाममात्र का ही अंतर है।
Updated on:
16 Nov 2018 09:06 am
Published on:
16 Nov 2018 08:56 am
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