
RSS will work for those people who lost jobs during Coronavirus lockdown
नई दिल्ली। कोरोना वायरस के चलते बीते 25 मार्च से देशभर में लागू लॉकडाउन ( coronavirus lockdown ) के दौरान निजी सेक्टर के तमाम कर्मचारियों की नौकरियां छिन गई थीं। इन बेरोजगार कर्मचारियों के मुद्दे पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ( rashtriya swayamsevak sangh ) मदद के लिए आगे आया है। संघ के दिल्ली प्रांत ने इस दिशा में काम करना शुरू कर दिया है ताकि ऐसे व्यक्तियों को फिर से रोजगार ( latest employment news ) मिल सके।
संघ सूत्रों के मुताबिक आरएसएस का दिल्ली प्रांत इस संबंध में जल्द ही एक वेबसाइट भी लॉन्च करने वाला है। इस वेबसाइट पर नौकरी खोजने वाले ( unemployed people ) और नौकरी देने वाली कंपनियों-उद्योगों की जानकारी मौजूद होगी। यानी किसी जॉब पोर्टल ( job portal ) की तरह इस वेबसाइट पर जॉब सीकर्स और जॉब प्रोवाइडर्स एक ही कॉमन प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होंगे। वेबसाइट पर मौजूद टेक्नोलॉजी नौकरी ढूंढने वालों की स्किल मैपिंग कर सबको रोजगार उपलब्ध कराने की कोशिश करेगी।
इस संबंध में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के दिल्ली प्रांत से जुड़े एक पदाधिकारी ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी ने अर्थव्यवस्था को तगड़ा झटका दिया है। इसके चलते तमाम कंपनियों में छंटनी होने की ढेरों खबरें आती रही हैं। संगठित ही नहीं बल्कि असंगठित, दोनों ही क्षेत्रों में रोजगार पर असर पड़ा है।
उन्होंने आगे कहा कि लॉकडाउन में बेरोजगार हुए लोगों के परिवारों के सामने संकट को देखते हुए संगठन ने अपना कदम बढ़ाया है। दिल्ली सहित पूरे एनसीआर के व्यापारिक प्रतिष्ठानों से लेकर निजी कंपनियों के प्रमुखों से संपर्क कर रोजगार( Industries and Employment ) की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं।
उन्होंने संघ के अन्य प्रयासों के बारे में कहा कि इसके अलावा प्रतिष्ठानों से यह अपील भी की जा रही है कि वे ना तो छंटनी करें और ना ही ( salary cut ) सैलरी काटें। जिन कर्मचारियों ने कंपनियों के लिए अपना खून-पसीना लगाया है, उन्हें संकट के समय खुद से अलग न करें। अगर धैर्य से काम किया जाए तो मुश्किल वक्त भी गुजर जाएगा।
संघ पदाधिकारी ने बताया कि फिलहाल इस योजना का पूरा खाका तैयार किया जा रहा है। पूरा कार्यक्रम तय होते ही संगठन पदाधिकारी रोजगार से जुड़े इस अभियान में जुट जाएंगे।
संघ पदाधिकारी केे मुताबिक दिल्ली प्रांत शहर में यह अभियान चलाने जा रहा है। इसी तरह संघ के अन्य प्रांत ग्रामीण इलाकों में भी यही अभियान चलाएंगे। लॉकडाउन के दौरान महानगरों से लौटे प्रवासियों को किस तरह से परंपरागत रोजगार के साधनों से जोड़ा जा सकता है, इस संबंध में भी संघ संभावनाओं को तलाश कर रहा है।
Updated on:
16 Jul 2020 07:52 pm
Published on:
16 Jul 2020 07:50 pm
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