
Jammu-Kashmir: सेना के हाथ लगी बड़ी सफलता, BJP नेताओं की हत्या में शामिल Hizbul Commander ढेर
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर ( Jammu-Kashmir ) में सुरक्षाबलों के हाथ बड़ी सफलता लगी है। यहां श्रीनगर में एक मुठभेड़ के दौरान सुरक्षाबलों ने हिजबुल मुजाहिद्दीन ( Hizbul Commander ) के चीफ कमांडर सैफुल्ला को मार गिराया है। जानकारी के अनुसार सुरक्षाबलों को श्रीनगर के रंगरेत इलाके में कुछ आतंकियों के छिपे होने की सूचना मिली थी। जिसके बाद सुरक्षाबलों ने जम्मू-कश्मीर पुलिस ( Jammu-Kashmir Police ) के साथ संयुक्त ऑपरेशन शुरू कर आतंकियों को घेर लिया। सुरक्षाबलों ने आतंकियों के आत्मसमर्पण करने को कहा, लेकिन उन्होंने गोलीबारी शुरू कर दी। इसके जवाब में भारतीय जवानों ने भी फायरिंग की, जिसमें हिजबुल कमांडर ढेर हो गया। इसके साथ ही सेना ने सैफुल्ला के साथी को जिंदा पकड़ लिया है।
आपको बता दें कि सैफुल्ला को रियाज नायकू के मारे जाने के बाद हिजबुल ने चीफ कमांडर बनाया गया था। जम्मू कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि कुछ दिन पहले घाटी में हुई भारतीय जनता पार्टी के तीन कार्यकर्ताओं की हत्या में भी सैफुल्ला शामिल था। डीजीपी ने बताया कि अब्बास हिजबुल जो भाजपा नेताओं की हत्या में शामिल था, वह भी हिजबुल से ही लश्कर में गया था। यह सेना के हाथ बड़ी सफलता मानी जा रही है। भारतीय जवानों ने 72 घंटे के भीतर ही भाजपा नेताओं के हत्यारे को ठिकाने लगा दिया।
इसके साथ ही जम्मू कश्मीर पुलिस के आईजी विजय कुमार ने एक न्यूज चैनल के साथ बातचीत में बताया कि भाजपा नेताओं के कत्ल में सैफुल्ला के शामिल होने की पूरी संभावनाएं हैं। उन्होंने सैफुल्ला के मारे जाने को बड़ी उपलब्धि बताया है।
डॉक्टर नहीं आतंकी था सैफुल्लाह
रंगरेत में मारे गए हिज्बुल कमांडर के आगे भले ही डॉक्टर लगा था लेकिन वह कोई डॉक्टर नहीं था। आतंकी बुरहानवानी और आतंकी रियाज नायकू के बेहद ही करीब था और इसे आतंकी संगठन ने आतंकियों के घाव पर मरहम पटटी करने से लेकर गोली निकालने तक का काम दिया था। इस कारण से उसे आतंकी संगठन में डॉक्टर नाम से बुलाया जाने लगा और फिर जब उसने आंतकी रियाज नायकू से हिजबुल की कमान ली तो वह डॉक्टर सैफुल्लाह नाम से कुख्यात हुआ है।
वह 10 अगस्त 2014 को आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहददीन में शामिल हुआ था। जिसके बाद वह 6 मई 2020 को रियाज नायकू के मारे जाने के बाद आतंकी संगठन का कमांडर बनाया गया था। वहीं, जम्मू कश्मीर में 1 जनवरी से 1 नंवबर तक कुल 200 आतंकी मारे गए। इसमें से 190 आतंकी कश्मीर घाटी से ही है।
Updated on:
01 Nov 2020 07:35 pm
Published on:
01 Nov 2020 07:00 pm
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