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अयोध्या विवाद: कल से सुप्रीम कोर्ट की नई बेंच देखेगी मामला, नियमित सुनवाई की तारीख हो सकती है तय

सुप्रीम कोर्ट ने 27 सितंबर को बहुमत (2:1) से लिए फैसले में मसले को संविधान पीठ को भेजने से इनकार कर दिया था।

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अयोद्धया विवाद: कल से सुप्रीम कोर्ट की नई बेंच देखेगी मामला, नियमित सुनवाई की तारीख हो सकती है तय

नई दिल्ली। अयोध्या में राम जन्म भूमि-बाबरी मस्जिद ढांचा विवाद मामले पर सोमवार से सुनवाई शुरू होने जा रही है। मामले में अब सर्वोच्च न्यायालय की नई बेंच सुनवाई करेगी। सोमवार से ही नियमित सुनवाई की तारीख तय होगी। पूर्व प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा के रिटायरमेंट के बाद इस मामले में नई पीठ गठित की गई है। प्रधान न्यायधीश रंजन गोगोई, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस केएम जोसेफ की बेंच इस केस की सुनवाई करने जा रही है। इस दौरान सभी पक्षकार कोर्ट में मौजूद होंगे जिसके लिए महंत धरम दास व इक़बाल अंसारी दिल्ली जाएंगे।

बता दें कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में अयोध्या में विवादित भूमि को राम लला, निर्मोही अखाड़ा और मूल मुस्लिम वादी के बीच बांटने का आदेश दिया था। इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई। सुनवाई की शुरुआत में ही मुस्लिम पक्षकारों ने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला 1994 में इस्माइल फारूखी मामले में सुप्रीम कोर्ट की उस टिप्पणी से प्रभावित है, जिसमें कहा गया था कि मस्जिद इस्लाम का अभिन्न अंग नहीं है। उन्होंनेे पहले इस टिप्पणी को पुनर्विचार के लिए संविधान पीठ को भेजने की मांग की। तत्कालीन सीजेआई दीपक मिश्रा, जस्टिस अशोक भूषण और एस. अब्दुल नजीर की पीठ ने 27 सितंबर को बहुमत (2:1) से लिए फैसले में मसले को संविधान पीठ को भेजने से इनकार कर दिया। साथ ही साफ किया कि मामले का निपटारा भूमि विवाद के तौर पर किया जाएगा।

29 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई को लेकर रवाना हुए पक्षकार

मामले पर सियासत जारी

अयोध्या विवाद पर राजनीति भी खूब हो रही है। नेताओं की बयानबाजी जारी है। हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्नाथ ने कहा था कि इस विवाद का हल जल्द से जल्द निकाला जाना चाहिए। शनिवार को एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट सबरीमाला विवाद पर फैसला दे सकता है तो राम मंदिर पर भी देश की सर्वोच्च अदालत को फैसला देना चाहिए। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने विजय दशमी कार्यक्रम में कहा था कि राम मंदिर बनाने के लिए सरकार कानून बनाए।