पीठ ने केंद्र को दावों और ड्राफ्ट एनआरसी के प्रकाशन से उपजी आपत्तियों पर फैसला करने के लिए समय-सीमा तय करने समेत इसका स्वरूप और मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) केंद्र सरकार तैयार करे। पीठ ने केंद्र से इसके तौर-तरीके और एसओपी 16 अगस्त तक मंजूरी के लिए उसे सौंपने को कहा है।
एनआरसी मुद्दे पर सुनवाई के दौरान ट्रांसजेंडरों के एक संगठन ने याचिका के जरिए संवैधानिक पीठ से अनुरोध किया कि वह 20 हजार ट्रांसजेंडरों को एनआरसी फॉर्म भरने का दूसरा मौका दे। पीठ ने कहा कि आपने मौका गंवा दिया है। हम समूची कवायद को अब दोबारा शुरू नहीं कर सकते। अब अदालत एनआरसी मुद्दे पर 16 अगस्त को सभी इंटरलोक्यूटरी ऐप्लिकेशन पर सुनवाई करेगा।
दूसरी तरफ न्यायमूर्ति रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति आरएफ नरीमन की पीठ के सामने अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि पश्चिम बंगाल समेत कुछ राज्यों ने आशंका जताई है कि वैसे लोग जिनके नाम एनआरसी के दूसरे और अंतिम ड्राफ्ट में शामिल नहीं हैं, वे अन्य राज्यों में पलायन कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि उन राज्यों की आशंकाओं को दूर करने के लिए सरकार 40 लाख से अधिक लोगों का बायोमेट्रिक डाटा एकत्र करने पर विचार कर रही है। ताकि अगर उन्हें विदेशी घोषित किया जाता है और वे गलत पहचान के आधार पर दूसरे राज्यों में चले जाते हैं तो संबंधित अधिकारी उनका पता लगा सकें।