
नई दिल्ली। गंगा के निर्मल पानी को तो अब वैश्विक सर्टिफिकेट मिल ही गया है कि गंगा का पानी कोई साधारण पानी नहीं है बल्कि चमत्कारी पानी है जो कभी गंदा या दूषित नहीं होता। बता दें कि हाल ही में गंगा के पानी पर किए गए अब तक के सबसे बड़े शोध में वैज्ञानिकों ने माना कि गंगा के जल में एक चमत्कारी वायरस होता है जो इसे दूषित नहीं होने देता।
वहीं दूसरी ओर अब पातालगंगा के बारे में एक विशेष रिपोर्ट आई है, जिसे हम आपके साथ साझा करने जा रहे हैं। आमतौर पर हम सभी ने एक न एक बार स्वर्गलोक के साथ-साथ मृत्युलोक और पाताललोक के बारे में सुना ही होगा। पाताललोक की पातालगंगा के बारे में भी आप थोड़ा बहुत जानते ही होंगे। लेकिन हम दावे के साथ कह सकते हैं कि आपको पातालगंगा के उन रहस्यों के बारे में नहीं जानते होंगे जिनके बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं।
बता दें कि दक्षिण भारत के आंध्रप्रदेश में एक ऐसी गुफा भी है, जिसके बारे में कहा जाता है कि इसके नीचे से ही पातालगंगा बह रही है। लेकिन इस बारे में कोई दो राय नहीं है कि आज तक वैज्ञानिक पातालगंगा के बारे में यह नहीं पता लगा पाए हैं कि इसका पानी कैसा होता है, और पातालगंगा का पानी जाता कहां है। खबरों के मुताबिक आंध्रप्रदेश के कुरनूल से करीब 106 किमी दूर स्थित इस गुफा का नाम बेलम है। जानकारों की मानें तो यह गुफा काफी पुरानी है, तो वहीं कुछ लोगों का मानना है कि गुफा हज़ारों-लाखों साल पुरानी हो सकती है।
आपको जानकर हैरानी होगी कि इस गुफा की खोज आज से करीब 134 साल पहले 1884 में रॉबर्ट ब्रुस ने की थी। रॉबर्ट ब्रिटेन के रहने वाले थे। खोज में पाया गया कि इस गुफा से करीब 150 फीट की गहराई में पाताल गंगा बहती है। गुफा की कुल लंबाई करीब 3229 मीटर है। लेकिन इस पातालगंगा का सबसे बड़ा रहस्य यही है कि इसका पानी सिर्फ थोड़ी दूर तक ही दिखता है, फिर आगे जाकर गायब हो जाता है। इस रहस्य का पता अभी तक किसी भी वैज्ञानिक ने खोज पाया है।
Published on:
28 Jan 2018 03:58 pm
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