चयन बोर्ड की ओर से जारी किए गए परिणाम के मुताबिक, 57 महिला अधिकारी जिन्हें स्थायी कमीशन के लिए फिट पाया गया, उन्होंने इसे लेने का विकल्प नहीं चुना। वहीं, 68 महिला अधिकारी जिन्हें स्थायी कमीशन नहीं दिया गया, उन्हें अब पेंशन के साथ सेवा मुक्त किया जाएगा। इसके अलावा, 106 महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन के लिए अनुशंसित नहीं किया गया। ये पेंशन अर्जित कर सकें, इसके लिए इन्हें 20 साल तक सेवा की अनुमति दी जाएगी और तब सेवा मुक्त किया जाएगा।
विशेष चयन बोर्ड के मुताबिक, कुल 42 अधिकारियों ने अपनी उम्मीदवारी स्थगित कर दी, क्योंकि वे अस्थायी तौर पर कुछ चिकित्सीय वजहों से इसमें फिट नहीं मिलीं। हालांकि, उन्हें इसके लिए समय दिया गया है। वहीं, जरूरी और अनिवार्य चिकित्सा दस्तावेज नहीं मिलने की वजह से 6 अधिकारियों का परिणाम रोक दिया गया। इसके अलावा, 40 अन्य अधिकारियों का परिणाम प्रशासनिक आधार पर विभिन्न वजहों से रोका गया है। यही नहीं, कुछ महिला अधिकारी ऐसी भी हैं, जिन्हें फिलहाल स्थायी कमीशन नहीं दिया गया है, मगर उन्हें शार्ट सर्विस कमीशन के तहत सेवा शर्तों को पूरा करने के बाद आने वाले कुछ समय में स्थायी कमीशन में शामिल किया जा सकता है।
जिन महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन के लिए चुना गया है, उनमें इंजीनियर्स, सिग्नल, इंटेलिजेंस कॉर्प्स, आर्मी एयर डिफेंस, आर्मी एविएशन कॉर्प्स, आर्मी ऑर्डनेंस कॉर्प्स, आर्मी सर्विस कॉर्प्स एंड कॉर्प्स ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड मैकेनिकल इंजीनियरिंग जैसी शाखाओं से संबंधित हैं।
सेना में करीब 43,000 अधिकारी कार्यरत हैं। इनमें लगभग 1,653 महिला अधिकारी हैं। इन शाखाओं में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन दिए जाने के साथ, वे अब हाई रैंक तक प्रमोशन के लिए पात्र हो गई हैं। हालांकि, अभी भी यह स्पष्ट नहीं है कि क्या उन्हें इकाइयों और रेजिमेंटों की कमान दी जाएगी या नहीं। इसकी एक बड़ी वजह यह भी है कि जितने उम्र और सेवा में वरिष्ठ हैं, वे आवश्यक पाठ्यक्रम नहीं कर पाए हैं, क्योंकि यह पाठ्यक्रम शार्ट सर्विस कमीशन से जुड़े अधिकारियों के लिए नहीं थे।
28 साल से संघर्ष, कोर्ट ने भी साथ दिया