यानी मुंबई में हुए सीरो के पहले सर्वे में भी ये खुलासा हुआ है कि यहां की स्लम क्षेत्रों में कोरोना वायरस तेजी से फैला है। वहीं इसके मुकाबले रिहायशी इलाकों में 16 फीसदी लोगों के शरीर में एंटीबॉडीज पाए गए हैं।
कोरोना संकट के बीच सरकार का बड़ा फैसला, 31 अगस्त तक बढ़ाया गया लॉकडाउन मुंबई में जुलाई महीने की शुरुआत के दो सप्ताह में सीरो सर्वे के लिए रेंडम सैंपलिंग की गई थी। इस सीरो सर्वे को बीएमसी ने नीति आयोग और टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (TIFR) के साथ मिलकर किया था।
महिलाओं में ज्यादा एंटीबॉडीज
इस सर्वे में कुल 6,936 लोगों के खून की जांच की गई है। इनमें से 4 हजार सैंपल मुंबई झुग्गी बस्तियों से लिए गए थे। इन चार हजार सैंपलों में से 57 फीसदी लोग संक्रमित पाए गए। वहीं 2,936 सैंपल रिहायशी लोगों के लिए गए थे। इनमें से 16 फीसदी लोगों में एंटीबॉडीज मिले हैं।
इन सैंपलों की टेस्टिंग में एक और बात सामने आई वो ये कि जिन लोगों में एंटीबॉडीज मिले हैं उनमें पुरुषों के मुकाबले में महिलाओं की संख्या ज्यादा है। सर्वे में यह भी पाया गया कि बड़ी संख्या में संक्रमित लोगों में लक्षण ही नहीं थे और मृत्यु दर 0.05 से 0.10 प्रतिशत से भी कम रही।
दरअसल इस सर्वे में डॉक्टर एंटी-बॉडीज की उपस्थिति की जांच करने के लिए सामान्य आबादी के एक हिस्से के ब्लड का टेस्ट करते हैं।
पीएम मोदी के गृहनगर में खुदाई के दौरान मिले 2 हजार साल पुराने कमरे, जानें पुरातत्व ने किया जताई आशंका आपको बता दें कि मुंबई 1.2 करोड़ की आबादी है। इनमें से 65 फीसदी लोग तंग बस्तियों में रहते हैं। मुंबई में पिछले 24 घंटे में कोरोना संक्रमितों के 717 नए मामले सामने आए हैं। जबकि 55 लोगों ने इस महामारी के चलते अपनी जान गंवाई है। मुंबई में अब तक 1 लाख 10 हजार 846 कुल कोरोना संक्रमितों की संख्या पहुंच चुकी है। वहीं 6,184 इस बीमारी की चपेट में आकर जान गंवा चुके हैं।