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रूसी कोरोना वैक्सीन स्पुतनिक V का निर्माण कर सकता है सीरम इंस्टीट्यूट, DCGI से मांगी इजाजत

Sputnik V के निर्माण की इजाजत के लिए सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने भारत के औषधि महानियंत्रक (DCGI) से अनुमति मांगी है।

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sputnik V

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नई दिल्ली। कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में वैक्सीन के उत्पादन को बढ़ाने के लिए पूरी दुनिया प्रयास कर रही है। इस बीच ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) से सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) ने रूसी वैक्सीन स्पुतनिक-V के निर्माण की इजाजत मांगी है। गौरतलब है कि सीरम कोविड वैक्सीन कोविशील्ड (Covishield) का निर्माण पहले से ही कर रहा है।

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परीक्षण लाइसेंस की अनुमति मांगी

सीरम इंस्टीट्यूट कोविशील्ड के साथ स्पुतनिक (Sputnik-V) वैक्सीन को बनाने की तैयारी कर रहा है। रूसी वैक्सीन स्पुतनिक-V को लेकर कई कंपनियों ने इसके निर्माण के लिए आवेदन किया है। सीरम इंस्टीट्यूट ने टेस्ट एनालिसिस (test analysis) और एग्जामिनेशन (examination ) के लिए भी मंजूरी मांगी है। सीरम को अगर इसकी अनुमति मिलती है तो वह स्पुतनिक का निर्माण करने वाली छठवीं कंपनी होगी।

डॉ रेड्डीज लेबोरेटरीज कर रही निर्माण

भारत में स्पुतनिक-V का निर्माण डॉ रेड्डीज लेबोरेटरीज द्वारा भी किया जा रहा है। स्पुतनिक को DCGI द्वारा आपातकालीन उपयोग को लेकर मंजूरी दी गई है। इस रूसी वैक्सीन का उपयोग 14 मई से शुरू हुआ था। स्पुतनिक की अब तक 50 से अधिक देशों में स्वीकार्यता है। एक रिपोर्ट के अनुसार इस वैक्सीन का प्रभाव 97.6 फीसदी है।

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10 करोड़ डोज की आपूर्ति करने वाला है

दूसरी ओर सीरम अपनी वैक्सीन कोविशील्ड की नई खेप जून अंत तक देने को तैयार है। करीब 10 करोड़ कोविशील्ड वैक्सीन की डोज की वह आपूर्ति करने वाला है। सीरम नोवावैक्स वैक्सीन का निर्माण कर रही है, इसके लिए अमरीका से नियामक मंजूरी का इंतजार है। कोरोना रोधी टीके स्पुतनिक-V की 30 लाख खुराक की एक खेप मंगलवार को हैदाराबाद पहुंची है। भारत में आयात होने वाली अब तक की ये सबसे बड़ी खेप है। स्पुतनिक-V टीके के भंडारण के लिए खास तापमान की आवश्यकता होती है। इसे शून्य से 20 डिग्री सेल्सियस के कम तापमान में रखा जाता है।


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