
Single Dose of Vaccine is Enough For Already Covid Infected: AIG Hospital, Hyderabad
हैदराबाद। देश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर की रफ्तार भले ही धीमी पड़ गई है, लेकिन तीसरी लहर की संभावनाएं प्रबल होती जा रही हैं। लिहाजा, तीसरी लहर से पहले अधिक से अधिक लोगों को कोविड टीका लग जाए, इसके लिए केंद्र व तमाम राज्य सरकारें हर संभव कोशिश कर रही हैं।
इस बीच कोविड वैक्सीन की डोज को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। दरअसल, एक अध्ययन से ये पता चला है कि जो लोग पहले से कोरोना संक्रमित हो चुके हैं उनके लिए वैक्सीन की एक डोज काफी है। हैदराबाद के एआईजी अस्पताल द्वारा किए गए एक अध्ययन से पता चला है कि जो लोग कोविड 19 से संक्रमित हैं, उनके लिए टीके की एक खुराक पर्याप्त है।
इस संबंध में सोमवार को अस्पताल ने घोषणा की कि उसने उन सभी रोगियों में प्रतिरक्षात्मक स्मृति प्रतिक्रिया का आकलन करने के लिए 260 स्वास्थ्य कर्मियों पर एक अध्ययन किया। इनसभी स्वास्थ्यकर्मियों को 16 जनवरी से 5 फरवरी के बीच कोविशील्ड का टीका लगाया गया था।
एक खुराक का असर दो डोज के बराबर
इस अध्ययन से दो महत्वपूर्ण अवलोकन सामने आए जिन्हें इंटरनेशनल जर्नल ऑफ इंफेक्शियस डिजीज पत्रिका में प्रकाशित किया गया है।
पहला-: अध्ययन से पता चला कि पहले से संक्रमित समूह (जो लोग कोविड 19 से संक्रमित हो गए थे) ने उन लोगों की तुलना में टीके की एक खुराक के लिए अधिक एंटीबॉडी प्रतिक्रिया दिखाई, जिन्हें पहले कोई संक्रमण नहीं था।
दूसरा-: इससे यह भी पता चला कि टीके की सिंगल खुराक से प्राप्त मेमोरी टी सेल प्रतिक्रियाएं पहले से संक्रमित समूह में उन लोगों की तुलना में काफी अधिक थीं, जिन्हें कोई पूर्व संक्रमण नहीं था।
जिसके बाद यह निष्कर्ष निकाला गया कि उच्च स्मृति टी और बी सेल प्रतिक्रियाओं के अलावा उच्च एंटीबॉडी प्रतिक्रिया कोविड 19 से रिकवरी के बाद 3 से 6 महीने में दी गई वैक्सीन की एक खुराक के साथ पहले से ही संक्रमित व्यक्तियों के लिए टीके की दो खुराक के बराबर माना जा सकता है।
दो डोज लेने की जरूरत नहीं: डॉ. डी नागेश्वर रेड्डी
अध्ययन में सह लेखकों में से एक डॉ डी नागेश्वर रेड्डी, (अध्यक्ष, एआईजी अस्पताल) ने कहा कि अध्ययन के परिणाम बताते हैं कि जो लोग कोविड 19 से संक्रमित हो गए हैं, उन्हें वैक्सीन की दो खुराक लेने की आवश्यकता नहीं है। एक खुराक से ही उन लोगों में दो खुराक के बराबर मजबूत एंटीबॉडी और मेमोरी सेल प्रतिक्रिया विकसित हो सकती है, जिन्हें संक्रमण नहीं हुआ है। इस अध्ययन से इस समय महत्वपूर्ण मदद मिलेगी, क्योंकि देश में टीके की कमी है और बचाई गई खुराक का उपयोग करके अधिक लोगों का टीका किया जा सकता है।
दूसरी कोविड लहर के दौरान जब मामले तेजी से बढ़ रहे थे, तब टीकाकरण दर में गिरावट आई। 27 अप्रैल तक, जब सक्रिय संक्रमण की वृद्धि दर 5 प्रतिशत थी, तब टीका लगाने वालों की वृद्धि दर केवल 1.4 प्रतिशत थी।
उन्होंने कहा, "हमें वैज्ञानिक सबूतों के आधार पर टीकाकरण की रणनीति में बदलाव करने की जरूरत है और इस उद्देश्य से कि कम से कम समय में बड़ी आबादी को कवर किया जा सके।"
Updated on:
14 Jun 2021 04:29 pm
Published on:
14 Jun 2021 04:26 pm
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