
लॉकडाउन में फंसे लोगों के लिए चलेंगी स्पेशल ट्रेन।
नई दिल्ली। कोरोना वायरस ( coronavirus ) से बचने के लिए देश में लॉकडाउन पार्ट-3 ( Lockdown 3.0 ) की घोषणा हो चुकी है। गृह मंत्रालय ( Home Ministry ) ने 4 मई को खत्म हो रही लॉकडाउन की अवधि को और दो हफ्ते के लिए बढ़ा दिया है। गृह मंत्रालय के अनुसार अब 17 मई तक के लिए देश में लॉकडाउन लागू है। वहीं, लॉकडाउन में फंसे प्रवासी मजदूरों ( Migrant Workers ), तीर्थयात्रियों ( Pilgrims ), छात्रों ( Students ) और पर्यटकों ( Tourist ) के लिए छह स्पेशल ट्रेन (Special Trains) चलाने की भी घोषणा की गई है। अलग-अलग राज्यों में फंसे लोगों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए ये ट्रेनें चलाई गई हैं।
'श्रमिक ट्रेनों' की शुरुआत
रेलवे ने शुक्रवार से विशेष नॉन-स्टॉप ‘श्रमिक ट्रेनें’ ( Shramik Trains ) की शुरुआत की है। योजना के अनुसार पहली ट्रेन शुक्रवार को सुबह चार बज कर करीब 50 मिनट पर हैदराबाद से झारखंड के लिए रवाना हुई। इस ट्रेन में 1,200 यात्री मौजूद थे। अन्य पांच ट्रेनों में नासिक से लखनऊ ( रात 9:30 बजे ), शाम छह बजे अलुवा से भुवनेश्वर, रात आठ बजे नासिक से भोपाल , रात दस बजे जयपुर से पटना और रात नौ बजे कोटा से हटिया ट्रेन शामिल हैं। रेलवे का यह भी कहना है कि आने वाले समय से इसकी संख्या और बढ़ाई जाएगी। साथ ही फेरे भी बढ़ेंगे।
राज्यों के बीच समन्वय जरूरी
रेलवे ने स्पष्ट किया है कि गृह मंत्रालय के आदेश के बाद यह फैसला लिया गया है। साथ ही यह भी कहना है कि ये विशेष ट्रेनें दो स्थानों के बीच और दोनों राज्य सरकारों के अनुरोध पर चलेंगी। इस दौरान फंसे हुए लोगों को भेजने और पहुंचाने से जुड़े दिशानिर्देशों का पालन सख्ती से किया जाएगा। इन ट्रेनों के संबंध में समन्वय के लिए रेलवे और राज्य सरकारों द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों को नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाएगा। रेलवे ने ये भी कहा है कि राज्य सरकारों की ओर से जो लिस्ट दी जाएगी, उसके अनुसार ही लोगों को ट्रेन में सफर करने की इजाजत होगी। बांकी, किसी और को यात्रा करने की बिल्कुल इजाजत नहीं होगी।
बरतनी होगी सावधानी
रेलवे का कहना है कि यात्रा के लिए जिला मजिस्ट्रेट की मंजूरी के संदेश को वैध टिकट माना जाएगा। सोशल डिस्टेंसिंग को मेंटेन करते हुए सामाजिक दूरी का पालन करना अनिवार्य होगा। हर ट्रेन में 1000 से 1200 यात्री ही सफर करेंगे। रेलवे द्वारा जारी दिशानिर्देशों के अनुसार, यात्रियों के रवाना होने से पहले राज्यों द्वारा उनकी जांच की जाएगी और जिनमें कोरोना वायरस के लक्षण नहीं होंगे। इसके अलावा सभी यात्रियों के लिए मास्क पहनना अनिवार्य होगा। इसके अलावा यह भी कहा गया है कि यात्रियों को भेजने वाले राज्य की ओर से पानी और भोजन की सुविधा मुहैया कराई जाएगी। वहीं, गंतव्य पर पहुंचने के बाद राज्य सरकार आगे का जिम्मा उठाएगी और यात्रियों की जांच कराएगी।
Published on:
02 May 2020 11:49 am
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