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कोरोना से युद्ध में स्मार्ट शहरों के स्मार्ट प्रयास, टेक्नोलॉजी से वायरस पर हमला

– जियो फेंसिंग, हीट मैप्स जैसी तकनीक का उपयोग- आईसीसीसी बन गए कोरोना से लड़ाई के केन्द्र

Apr 09, 2020 / 07:28 am

Mohit sharma

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शादाब अहमद

नई दिल्ली। देश कोरोना वायरस के प्रकोप से जूझ रहा है, ऐसे में स्मार्ट सिटी मिशन के तहत स्मार्ट सिटीज में इससे बचाव के स्मार्ट प्रयास किए जा रहे हैं। मिशन के तहत विकसित अवसंरचना का लाभ उठाया जा रहा है। हीट मैप्स से स्थितियों का विश्लेषण कर भविष्य के लिए सक्षम प्रणाली विकसित की जा रही है। इसके साथ ही कोरोना वायरस के संदिग्ध मरीजों की आवाजाही पर निगरानी के लिए जियो फेन्सिंग तकनीक का इस्तेमाल भी हो रहा है।

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स्मार्ट शहर के एकीकृत कमांड व नियंत्रण केन्द्र ( ICCC ) को अब कोरोना से लडऩे का केन्द्र बना दिए गए हैं। जहां मरीजों के उपचार के लिए टेलीमेडिसिन तकनीक का उपयोग किया जा रहा है। इससे स्मार्ट शहर के लोगों को ऑनलाइन चिकित्सा परामर्श मिल रहा है। गौरतलब है कि कोरोना वायरस की वैश्विक महामारी से लडऩे के लिए सामाजिक दूरी बनाए रखना बेहद आवश्यक है।

इसलिए बनाए थे आइसीसीसी
स्मार्ट शहर की सुरक्षा और निगरानी का प्रबंधन करने के लिए आइसीसीसी बनाए गए थे। यह केन्द्र शहर के नगर निगम के लिए स्मार्ट सॉल्यूशंस की देखरेख करेगा। साथ ही इसमें रियल टाइम मॉनीटरिंग के लिए वीडियो आधारित दीवारे, आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली, सीसीटीवी सर्विलांस जैसी सुविधाएं रखी गई थी।

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स्मार्ट तकनीक ने मिटाई दूरी

राजस्थान- कोटा शहर में दूरस्थ डिजिटल चिकित्सा परामर्श की सुविधा प्रदान की जा रही है। स्थानीय मेडिकल स्टोर की जानकारी भी इसके जरिए दी जा रही है।

मध्यप्रदेश- भोपाल में एकीकृत कमांड व नियंत्रण केन्द्र (आईसीसीसी) का उपयोग नागरिकों के लिए हेल्पलाइन और टेली-परामर्श केंद्र के रूप में किया जा रहा है। इसके साथ एकीकृत टोल फ्री नंबर 104 की सार्वजनिक सूचना दी गई है। आईसीसीसी में तैनात स्टेशन ऑपरेटरों को आने वाली फोन कॉलों का जवाब देने के लिए प्रशिक्षित किया गया है। उज्जैन के आईसीसीसी में 24 घंटे दो डॉक्टर नागरिकों से वीडियो कांफ्रेंसिंग टेलीफोन कॉल के लिए तैनात किए गए हैं। डॉक्टरों के पर्चे के आधार पर लोगों को दवाइयां वितरित करने के लिए 40 मेडिकल मोबाइल यूनिट्स का संचालन किया गया है। इसी तरह जबलपुर, ग्वालियर, सतना और सागर में भी काम हो रहा है।

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उत्तर प्रदेश- कानपुर में आईसीसीसी से शहर की स्वास्थ्य सेवाओं पर नजर रखी जा रही है। टेलीमेडिसिन सुविधा को सिटी प्रशासन की ओर से शुरू की गई वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से उपलब्ध कराया जा रहा है। अलीगढ़ आईसीसीसी में छह घंटेडाक्टर उपलब्ध कराए गए हैं। इस दौरान मरीज यहां से टेलीमेडिसिन और वीडियो कांफ्रेंसिंग की सुविधा का लाभ उठा रहे हैं।

महाराष्ट्र- नागपुर नगर निगम ने खांसी, बुखार और सांस लेने में कठिनाई वाले नागरिकों की मदद के लिए कोरोना वायरस एप्लिकेशन लांच किया है। नागरिकों को केवल इस पर अपने लक्षणों के बारे में जानकारी देनी होगी, जिसके आधार पर यह मोबाइल एप्लिकेशन यह पता लगा लेगा कि उनमें कोरोना संक्रमण के है या नहीं। यदि, ऐसे कोई लक्षण पाए गए तो मोबाइल एप एनएमसी डॉक्टरों की टीम को आगे की निगरानी और कार्रवाई के लिए सूचित करेगा।

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तमिलनाडु- चेन्नई में 25 डॉक्टर आईसीसीसी में तैनात किए गए हैं। उनमें से प्रत्येक को क्वारंटाइन में रह रहे 250 लोगों की जिम्मेदारी दी गई है।

गुजरात- गांधीनगर में स्वास्थ्य टीम (विशेषज्ञ चिकित्सक) वीडियो कांफ्रेंस से घरों में क्वारंटाइन या कोरोना के संदिग्ध रोगियों को प्रारंभिक कदम उठाने और सावधानियां बरतने का सुझाव देते हैं। गांधीनगर के नगर निगम की वेबसाइट के माध्यम से शहर के सभी क्षेत्रों में स्थित किराने की दुकानों के संपर्क नंबर नागरिकों को उपलब्ध कराए गए हैं।

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