
सबरीमला मंदिर में स्त्रियों के प्रवेश करने के हक में नहीं स्मृति ईरानी, कहा- पूजा करने का अधिकार है दूषित करने का नहींं
नई दिल्ली। इस समय देश में सबरीमला मंदिर का मुद्दा काफी चर्चा में हैं। मंदिर में स्त्रियों के प्रवेश को लेकर राजनीति भी खूब हो रही है। कई हस्तियां इस मसले पर अपनी राय रख रही हैं। इस बीच केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने भी सबरीमला मंदिर पर अपने विचार व्यक्त किए हैं। उनकी राय से लग रहा है कि वह इस मुद्दे पर स्त्रियों के मंदिर में प्रवेश करने के फैसले से सहमत नहीं हैं। उन्होंने कहा, " प्रार्थना करना मेरा अधिकार है, लेकिन दूषित करने का हक नहीं हैं। इस बात का सम्मान करना चाहिए। कैबिनेट मंत्री के तौर पर मैं सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर बोलने वाली कोई नहीं हूं। साथ ही उन्होंने सवाल पूछने के लहजे में कहा कि क्या तुम अपने दोस्त के घर में मासिक धर्म के खून में सने सेनेटरी नेपकिन्स लेकर जाओगे? नहीं लेकर जाओगे, तो क्यों तुम उन्हें भगवान के घर में लेकर जाओगे?"।
CM ने साधा RSS पर निशाना
मंदिर में महिलाओं का प्रवेश ना हो पाने का कारण केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने आरएसएस को जिम्मेदार बताया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी महिलाओं को मंदिर में प्रवेश नहीं दिया जा रहा, ये आरएसएस का षड़यंत्र है।
मंदिर के कपाट हुए बंद
सबरीमला मंदिर के कपाट बंद हो चुके हैं। एक भी महिला मंदिर नहीं पहुंच सकी। सबरीमाला मंदिर के कपाट छह दिन बाद सोमवार रात में बंद कर दिए गए, हालांकि गर्भगृह तक 10 से 50 साल तक की महिलाओं को मंदिर में दर्शन करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन नहीं कराया जा सका। 10 से 50 साल की आयु वर्ग में कार्यकर्ताओं और पत्रकारों सहित करीब एक दर्जन महिलाओं ने मंदिर जाने का प्रयास किया लेकिन भगवान अयप्पा के श्रद्धालुओं के विरोध के चलते उन्हें वापस लौटना पड़ा।
Updated on:
31 Mar 2020 07:43 pm
Published on:
23 Oct 2018 04:44 pm
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