
Smriti Irani claims, BJP will bring toughest anti-smuggling bill in Parliament
नई दिल्ली। केंद्र सरकार तस्करी रोकने के लिए कड़ा कानून लाने वाली है। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ( Smriti Irani ) ने बुधवार को इसकी घोषणा की। ईरानी ने कहा कि केंद्र सरकार संसद में सबसे कड़ा तस्करी-रोधी विधेयक ( Anti-Smuggling Bill ) लाने की पूरी तैयारी कर चुकी है। शांति के लिए नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी द्वारा आयोजित 'लॉरेट्स एंड लीडर्स फॉर चिल्ड्रन' नामक शिखर सम्मेलन में ईरानी ने महिलाओं-बच्चों के संबंध में महामारी संकट पर भारत की प्रतिक्रिया को लेकर यह बात कही।
इस दौरान ईरानी ने कहा, "महिला एवं बाल विकास मंत्रालय में हम वर्तमान में संसद में महिलाओं-बच्चों की तस्करी पर सबसे कठोर कानून पेश करने की तैयारी कर रहे हैं।" इसके साथ ही ईरानी ने पहले ही पारित किए जा चुके चाइल्ड पोर्नोग्राफी और बाल संरक्षण पर कानूनों की भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार भारत के प्रत्येक जिले में एक एंटी-स्मगलिंग यूनिट को मंजूरी दे चुकी है।
ईरानी ने आगे कहा कि इसने वास्तव में बच्चों-महिलाओं-नागरिक समाज के लिए 24X7 हेल्पलाइन के लिए एक वन-स्टॉप क्राइसिस सेंटर भी स्थापित किया है। इस दौरान केंद्रीय मंत्री ने दुनिया से आग्रह किया कि ऐसे ही एकजुट दृष्टिकोण का दृढ़ता से पालन करें, जहां उत्पादों को बालश्रम मुक्त करने की कड़ी में उपभोक्ता यह सुनिश्चित करने के लिए संवेदनशील हों।
इससे पहले शिखर सम्मेलन में भारत के साथ ही विश्वभर में महामारी की वैश्विक प्रतिक्रिया संबंधी एक रिपोर्ट पर भी गौर किया गया। इस रिपोर्ट में यह बात सामने आई कि भारत के चार करोड़ से अधिक प्रवासी श्रमिकों को 'सरकारी सहायता प्रणालियों की गंभीर कमी' के चलते परेशानी से जूझना पड़ा है।
रिपोर्ट के मुताबिक 25 मार्च से 31 मई के बीच देश में महिलाओं के खिलाफ घरेलू हिंसा से संबंधित शिकायतों में काफी तेजी देखने को मिली। इस रिपोर्ट में भारत के अलावा अन्य गरीब देशों के हालात को भी पेश किया गया है। इतना ही नहीं यह रिपोर्ट भारत समेत अधिकांश देशों में बेरोजगारी के लिहाज से लोगों की दुर्दशा को भी सामने लाती है।
इसके अलावा रिपोर्ट महामारी के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभावों को भी सामने लाती है। रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि अगर कोरोना वायरस महामारी वर्ष 2020 से भी आगे तक जाती है तो वैश्विक अर्थव्यवस्था 5.2 फीसदी तक सिकुड़ेगी। इसके चलते 40 करोड़ से ज्यादा लोगों के अत्यधिक गरीबी में भी जाने का खतरा मंडराता रहेगा।
चौंकाने वाली बात है कि महामारी के चलते 34.7 करोड़ बच्चों की अभी भी स्कूल बंद होने से स्कूल फीडिंग प्रोग्राम्स तक पहुंच नहीं हैं। जबकि अगले छह महीने के भीतर पांच साल से कम उम्र के 12 लाख से ज्यादा बच्चों की कुपोषण से मौत होने का भी अनुमान है।
Updated on:
10 Sept 2020 01:54 am
Published on:
10 Sept 2020 01:41 am
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