
नई दिल्ली। कोरोना महामारी तेजी से पांव पसार रही है। डॉक्टर और नर्स भी इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। संक्रमण के कारण कई डॉक्टरों की जान भी जा चुकी है। कोरोना से मरने वाले वॉरियर्स के प्रति लोग सोशल साइट्स पर श्रद्धांजलि भी दे रहे हैं। इस बीच सोशल मीडिया पर कोराना वायरस से संबंधित कई खबरें झूठी और भ्रामक भी फैलाई जा रही है। ताजा मामला एक महिला को लेकर है। सोशल मीडिया पर एक मैसेज वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि डॉक्टर मेघा व्यास पुणे में कोरोना मरीजों के इलाज करते-करते खुद संक्रमित हो गई और उनकी मौत हो गई।
दावा: कोरोना संक्रमण से पुणे में महिला डॉक्टर की मौत
तथ्य: जिस महिला की मौत हुई वह ना तो डॉक्टर थी और नहीं कोरोना से जान गई
क्या है वायरल मैसेज
व्हाट्सएप, फेसबुक, ट्विटर समेत सोशल मीडिया पर एक महिला की तस्वीर लगा मैसेज तेजी से वायरल हो रहा है। जिसमें दावा किया जा रहा है कि जोधपुर की रहने वाली डॉक्टर मेघा व्यास पुणे में कोरोना वायरस मरीजों को इलाज करते-करते अपनी जान दे दी। महिला डॉक्टर कोरोना मरीजों का इलाज कर रही थीं। इसी दौरान वह संक्रमित हो गई और उसका निधन हो गया। सोशल मीडिया पर लोग उसकी तस्वीर के साथ RIP..ओम शांति जैसे शब्द लिखकर श्रद्धांजलि दे रहे हैं। मैसेज में दावा किया जा रहा है कि उसकी मौत 22 अप्रैल को कोरोना से हुई है।
क्या है वायरल मैसेज की सच्चाई?
वायरल मैसेज की पत्रिका फैक्ट चेक टीम ने जब पड़ताल शुरू की तो पता चला कि जिस महिला की तस्वीर लगा मैसेज शेयर किया जा रहा है और दावा किया जा रहा है कि महिला डॉक्टर थी और उसकी मौत कोरोना से हुई है वह पूरी तरह झूठी और फर्जी है। पत्रिका ने इससे संबंधित कई की-वर्ड्स सर्च किए जिसमें कही पर नहीं दिखा कि यह मैसेज सही है। एक अंग्रेजी वेबसाइट के मुताबिक मेधा श्रीकांत शर्मा नाम की महिला की कोविड-19 टेस्ट निगेटिव है।
परिजन ने लोगों से की अपील
महिला के पति श्रीकांत शर्मा पुणे में डॉक्टर हैं। श्रीकांत शर्मा ने बताया कि मैं पुणे में डॉक्टर हूं लेकिन मेरी पत्नी हाउसवाइफ थी। पुणे के अस्पताल में उसका इलाज चल रहा था। प्रथम दृष्टा हॉर्ट अटैक से मौत बताई जा रही है। डॉ श्रीकांत के मुताबिक सोशल मीडिया पर जिस तरह से उसकी मौत को लेकर फर्जी खबर फैलाई जा रही है वह पूरी तरह से गलत है।
शर्मा परिवार सभी से अपील करता है कि दुख की घड़ी में मेघा के बारे में इस तरह की खबर नहीं फैलाई जाएं और निजता का सम्मान रखा जाए। इसके अलावा उन्होंने चेतावनी दी झूठी खबर को लेकर वह पुलिस से शिकायत भी दर्ज कराएंगे।
पत्रिका ने पाठकों से किया आग्रह
पत्रिका फैक्ट चेक ने अपनी पड़ताल में पाया कि सोशल मीडिया पर कोरोना वायरस से संबंधित कई खबरें झूठी और भ्रामक फैलाई जा रही है। जिसकी सच्चाई से कोई वास्ता नहीं है। पत्रिका अपने पाठकों से अपील करता है कि इस तरह की खबरों पर ध्यान नहीं दें ।
Published on:
25 Apr 2020 03:06 pm
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