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ग्रहण कुछ क्षेत्रों में दिखाई देने वाला है
नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) का कहना है कि साल का पहला सूर्य ग्रहण उत्तरी गोलार्ध के लोगों को दिखाई देगा। नासा का कहना है कि यह ग्रहण कुछ क्षेत्रों में दिखाई देने वाला है। वहीं अन्य क्षेत्रों में यह आंशिक होने वाला है। एजेंसी के अनुसार रूस, ग्रीनलैंड और कनाडा में ‘रिंग ऑफ फायर’ या पूर्ण सूर्य ग्रहण देखने को मिलेगा। वहीं अमरीका और अलास्का में केवल आंशिक ग्रहण होगा। उत्तरी अमरीका, यूरोप, एशिया, उत्तरी अफ्रीका और कैरिबियन के कुछ हिस्सों में आंशिक ग्रहण दिखाई देगा।
सूर्य ग्रहण का समय
सूर्य ग्रहण 10 जून यानि आज दोपहर 1 बजकर 42 मिनट से शुरू होगा। ये शाम को 06 बजकर 41 मिनट पर समाप्त होगा। ये ग्रहण करीब 5 घंटे का होगा।
सूर्य ग्रहण भारत में कब और कहां दिखेगा
सूर्य ग्रहण को भारत के सभी हिस्सों में देखा जा सकेगा। यह केवल लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में सूर्यास्त से पहले दिख सकेगा। भारत में इसे आंशिक सूर्य ग्रहण कहा जाएगा।
ग्रहण के दौरान क्या न करें
1.मान्यताओं के अनुसार, ग्रहण के दौरान भोजन या पानी का सेवन बिल्कुल न करें। बताया जाता है कि इससे पाचन क्षमता पर असर पड़ता है, ये कमजोर होती है। इस कारण व्यक्ति के बीमार होने की संभावना रहती है।
2. ग्रहण के दौरान कोई भी नया काम या मांगलिक काम नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से उस काम में असफलता मिलती है।
3. ग्रहण के दौरान नाखून कांटना, बालों में कंघी करना और दांतों को साफ करना अशुभ क्रिया माना जाता है। ये भी कहा जाता है कि ग्रहण के समय सोना भी नहीं चाहिए।
4. ग्रहण के दौरान चाकू या किसी धारदार चीज का उपयोग नहीं करना चाहिए। इससे अशुभ फलों की प्राप्ति होती है।
ग्रहण के दौरान क्या करें
1. ग्रहण शुरू होने से पहले स्नान करना अच्छा माना जाता है। ऐसे में ग्रहण शुरू होने से पहले खुद को स्वच्छ कर लें।
2. ग्रहण काल में अपने इष्ट देव या देवी की पूजा अर्चना करना शुभ माना जाता है।
3. सूर्य ग्रहण में दान करना बेहद शुभ फल देते हैं। ग्रहण खत्म होने के बाद घर में गंगा जल का छिड़काव करना चाहिए।
4. ग्रहण खत्म करने होने बाद एक बार दोबारा स्नान कर लेना चाहिए। इससे शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
5. ग्रहण काल में खाने-पीने के सामनों में तुलसी का पत्ता डालना चाहिए।
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क्या होता है रिंग ऑफ फायर
यह सूर्य ग्रहण वलयाकार में होने वाला है। इसका अर्थ ये है कि चंद्र पृथ्वी से काफी दूर होगा और वह सूर्य से छोटा दिखाई देगा। इस कारण चंद्रमा सूर्य के पूरे प्रकाश को रोक नहीं पाएगा। खगोल शास्त्रियों के अनुसार इस खगोली घटना को एक घंटे तक देखा जा सकेगा। चंद्र सूर्य के मध्यम भाग की रोशनी रोक पाता है, वहीं किनारों पर रोशनी दिखाई देती है। ये रिंग के रूप में नजर आती है। इसे हम रिंग ऑफ भी फायर कहते हैं।