
2 मिनट में जानिए देश के सबसे हाईटेक एक्सप्रेस-वे की खास बातें
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज देश के सबसे हाईटेक एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन करेंगे। 11 हजार करोड़ की लागत से तैयार हुए इस ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे की कुल लंबाई 135 किलोमीटर है।
आइए जानते हैं कि आखिर इस एक्सप्रेस-वे में ऐसा क्या खास है कि इसे देश का सबसे हाईटेक एक्सप्रेस-वे कहा जा रहा है।
- 135 किलोमीटर लंबाई वाले इस एक्सप्रेस-वे पर कुल 406 छोटे-बड़े पुल बनाए गए हैं।
- ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे देश का पहला ऐसा राजमार्ग है, जहां सड़कें सौर ऊर्जा से रोशन होंगी।
- इस राजमार्ग पर देश के 36 राष्ट्रीय स्मारकों को प्रदर्शित किया गया है।
- देश के इस अत्याधुनिक एक्सप्रेस-वे पर प्रत्येक 500 मीटर की दूरी पर बारिश का पानी इकट्ठा करने के लिए दोनों ओर वर्षा जल संचयन (रेन वाटर हॉर्वेस्टिंग सिस्टम) की व्यवस्था की गई है।
- इस एक्सप्रेस-वे पर 8 सौर संयंत्र लगाए गए हैं, जो 4 हजार मेगावाट की क्षमता वाले हैं।
- एक्सप्रेस-वे की खूबसूरती बढ़ाने के लिए 40 रंगीन झरने बनाए गए हैं।
- सड़क के दोनों ओर 2.5 मीटर चौड़ा साइकिल ट्रैक बनाया गया है।
- पैदल यात्रियों को चलने के लिए सड़क के दोनों ओर 1.5 मीटर का पैदल यात्री ट्रैक भी है। ऐसा ट्रैक देश के गिनेचुने राजमार्गों पर ही है।
- ये एक्सप्रेस-वे दिल्ली को ट्रैफिक जाम से छुटकारा दिलाएगा और इससे प्रदूषण में कमी आएगी। इससे दिल्ली से करीब 27 फीसदी ट्रैफिक के कम होने की उम्मीद जताई जा रही है।
- इसपर रोजाना करीब 50 हजार गाड़ियां बगैर दिल्ली में प्रवेश किए हरियाणा से सीधे उत्तर प्रदेश जाएंगी
- इस एक्सप्रेस-वे से हरियाणा में कुंडली और पलवल की दूरी अब चार घंटे से सिमटकर 72 मिनट रह जाएगी।
-ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे रिकार्ड 500 दिनों में बनकर तैयार हुआ है
- एक्सप्रेस-वे में केवल तय की गई दूरी के आधार पर टोल लिए जाएंगे और वाहनों की बाधा रहित आवाजाही के लिए इलेक्ट्रॉनिक तरीके से टोल वसूला जाएगा।
- 14 लेन वाला ये देश का पहला राजमार्ग है। पहले की संभावित निर्माण अवधि 30 माह के बदले ये केवल 17 माह के ही रिकार्ड समय में बनकर तैयार हुआ है।
Published on:
27 May 2018 07:09 pm
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