कोरोना संकट की वजह से पराली की घटना में बढ़ोतरी के संकेत मिले। हरियाणा और पंजाब में 25 से 30 सितंबर के बीच पहले की तुलना में 5 गुना अधिक पराली जली। दिल्ली की हवा 15 अक्टूबर से पहले प्रदूषण की वजह से खराब हो सकती है।
नई दिल्ली। हर साल की तरह इस बार भी पराली की वजह से दिल्ली एनसीआर ( Delhi NCR ) की हवा तेजी से खराब होने लगी है। पिछले साल की तुलना में इस बार पराली की घटनाओं में बढ़ोतरी के संकेत मिले हैं। अभी से राजधानी में प्रदूषण के सभी हॉट स्पॉट खराब श्रेणी में पहुंच चुके हैं। मौसम के जानकारों की माने तो मिड अक्टूबर तक राजधानी में दम घुटने की नौबत आ सकती है।
दिल्ली में शनिवार को एक बजे तक एयर क्वॉलिटी इंडेक्स 195 तक पहुंच गया था। कंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ( CPCB ) के एयर बुलेटिन में एक्यूआई 189 रहा। बागपत में 233, बुलंदशहर में 230, धारूहेड़ा में 212, फरीदाबाद में 203, गाजियाबाद में 212, मानेसर में 203, मेरठ में 215 और मुरादाबाद में 225 दर्ज किया गया। अभी तक के पूर्वानुमान के मुताबिक अब दिल्ली एनसीआर की हवा धीरे-धीरे खराब होती जाएगी। एक-दो दिन में एयर इंडेक्स क्वालिटी खराब श्रेणी में आ जाएगी।
जानकारी के मुताबिक इस बार पंजाब और हरियाणा में पराली की शुरुआत काफी तेज हुई है। 25 से 30 सितंबर 2019 के बीच हरियाणा में पराली जलाने के 31 मामले सामने आए थे। इस बार इनकी संख्या 175 रही। करनाल, कैथल, फतेहाबाद, अंबाला, यमुनानगर, हिसार, जींद में ज्यादातर पराली जलाने की घटनाएं हो रही हैं।
सोशल एक्शन फॉर फॉरेस्ट एंड एनवायरनमेंट के फाउंडर विक्रांत तोगंड के मुताबिक कोरोना संकट की वजह से किसानों की स्थिति भी अच्छी नहीं है। इस बार किसान पराली के नाम पर पैसा खर्च करने को तैयार नहीं हैं। इसलिए पराली से प्रदूषण का स्तर पहले की तुलना इस बार ज्यादा रहने की उम्मीद है।
वहीं ईपीसीए के से मिली जानकारी के मुताबिक 2019 में 10 अक्टूबर को एक्यूआई 211 को छू गया था। इस बार भी 15 अक्टूबर से पहले प्रदूषण से दिल्ली की हवा खराब हो सकती है। इस बात को ध्यान में रखते हुए सभी हॉट स्पॉट पर टीमों को अलर्ट कर दिया गया है। स्थानीय निकायों को धूल व ओपन बर्निंग से निपटने के निर्देश दिए गए हैं।