नागालैंड शराब निषेध अधिनियम 1989 (Nagaland Liquor Total Prohibition, NLTP Act, 1989) के कार्यान्वयन से संबंधित मुद्दों का अध्ययन करने के लिए एक चेयरपर्सन की नियुक्ति और उसकी समिति का पुनर्गठन करने के लिए राज्य सरकार द्वारा 45 दिनों का समय सीमा दिया गया है।
दीमापुर। देश के कई राज्यों में शराब पर आंशिक या पूर्ण प्रतिबंध है। वहीं अब पूर्वोत्तर राज्य नालैंड में भी शराब पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जा सकता है। दरअसल, राज्य सरकार द्वारा नागालैंड शराब निषेध अधिनियम 1989 (Nagaland Liquor Total Prohibition, NLTP Act, 1989) के कार्यान्वयन से संबंधित मुद्दों का अध्ययन करने के लिए एक चेयरपर्सन की नियुक्ति और उसकी समिति का पुनर्गठन करने के लिए 45 दिनों का समय सीमा दिया गया है।
इस संबंध में सोमवार को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई, जिसमें आबकारी विभाग दीमापुर कमिश्नर होतोलु स्वू ने बताया है कि आबकारी, सेरीकल्चर और अल्पसंख्यक मामलों के नागालैंड सलाहकार, आबकारी विभाग के आयुक्त और सचिव, विभागीय अधिकारियों और दीमापुर नागा छात्र संघ (DNSU) के बीच 26 अप्रैल को हुई बैठक के बाद यह फैसला आया है।
विज्ञप्ति के अनुसार, सदन ने राज्य सरकार को डीएनएसयू के 20 दिनों के अल्टीमेटम पर चर्चा की, जिसमें 19 अप्रैल को जारी एनएलटीपी अधिनियम की समीक्षा या निरस्त करने की मांग की गई। इस संबंध में, छात्र निकाय को "एनएलटीपी अधिनियम 1989 के कार्यान्वयन से संबंधित मुद्दों का अध्ययन करने के लिए नवंबर 2019 में कैबिनेट द्वारा गठित एक समिति के अस्तित्व से अवगत कराया गया था।
विज्ञप्ति में आगे कहा गया है कि समिति ने 7 दिसंबर, 2018 और 7 मार्च, 2019 को पहले ही 2 दौर की बैठकें की थीं। हालांकि, अध्यक्ष के असामयिक निधन के साथ, सरकार की ओर से समिति के लिए एक नया अध्यक्ष नियुक्त नहीं किया गया है।
बैठक के दौरान, सलाहकार ने छात्र अधिकारियों द्वारा साझा किए गए बिंदुओं को स्वीकार किया है और साथ ही ये दोहराया है कि सरकार को पर्याप्त समय दिया जाना चाहिए क्योंकि इस प्रक्रिया में सभी हितधारकों को शामिल करना और आम सहमति के लिए बातचीत करना पड़ता है।
बैठक में इस बात पर आम सहमति से ये निर्णय लिया गया कि इस प्रेस विज्ञप्ति के प्रकाशन की तारीख से सरकार को समिति को नए अध्यक्ष के साथ पुनर्गठित करने और जल्द से जल्द एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए 45 दिनों की समय-सीमा दी जाएगी।