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अब आवारा पशुओं का भी होगा आधार नंबर, उनकी सुरक्षा के लिए हिमाचल सरकार ने शुरू की ये खास योजना

Tagging Of Stray Animals : बेसहारा घूम रहे जानवरों के रख-रखाव और उनकी पहचान के लिए उनकी टैगिंग की जाएगी गौसदन और गौशालाओं को प्रति गाय 500 रुपए दिए जाएंगे, जिससे वे उनका ख्याल रख सकें

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Soma Roy

Aug 05, 2020

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Tagging Of Stray Animals

नई दिल्ली। बेसहारा घूमने वाले पशुओं (Stray Animals) को आश्रय देने एवं मवेशियों की नस्ल सुधारने के लिए कृत्रिम गर्भाधान की सुविधा प्रदान की जाएगी। इसके लिए हिमाचल में गौसदन, गौशाला और गौ अभयारण्य योजना को सहायता और राष्ट्रव्यापी कृत्रिम गर्भाधान कार्य्रम की शुरुआत की गई है। इसके तहत सड़कों पर आवारा घूम रहे जानवरों की टैंगिंग (Tagging Of Animals) की जाएगी। आधार नंबर (Aadhar Number) की तरह उनके लिए भी 12 अंकों वाली एक संख्या जारी की जाएगी। जिससे उनकी पहचान की जा सके। साथ ही उनके जन्म और मृत्यु का रिकॉर्ड रखा जा सके।

राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत जब पशुओं की पूरी टैगिंग हो जाएगी इसके बाद उनके रख-रखाव पर ध्यान दिया जाएगा। इसके लिए सरकार की ओर से गौसदनों, गौशालाओं, और गौ अभयारण्यों के आवारा पशुओं के रखरखाव के लिए प्रति माह 500 प्रति गाय दिए जाएंगे। ये लाभ उन्हीं लोगों को मिलेगा जहां मवेशियों की संख्या 30 या इससे अधिक होगी। इसके अलावा कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम चरण दो के अंतर्गत मवेशियों की नस्ल सुधारने के लिए कृत्रिम गर्भाधान की सुविधा प्रदान की जाएगी। सीएम जयराम ठाकुर का कहना है कि इससे किसानों को अपनी आमदनी बढ़ाने में मदद मिलेगी। इससे राज्य के आठ लाख से अधिक लोग लाभान्वित हो सकेंगे।

प्रदेश को आवारा पशुमुुक्त करने एवं उनका ध्यान रखने के लिए ये विशेष योजनाएं शुरू की गई हैं। इससे सड़कों पर मवेशियों की टक्कर से होने वाली दुर्घटनाओं से भी बचाव होगा। वहीं बेसहारा हुए जानवरों को भी रहने के लिए ठिकाना मिल सकेगा। उनके खाने-पीने में किसी तरह की दिक्कत न हो इसके लिए सरकार की ओर से 500 रुपए प्रति महीना दिया जाएगा। जिससे गौशाला मालिक ऐसे जानवरों को ज्यादा संख्या में रखने के लिए आगे आएं।