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नेटफ्लिक्स-अमेजन से लेकर फेसबुक-ट्विटर के लिए सख्त कानून, हर प्लेटफॉर्म की होगी जवाबदेही

नेटफ्लिक्स-अमेजन जैसे ओटीटी प्लेटफॉर्म (Social Media & OTT Rule)हों या फेसबुक-ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म सबके लिए सख्त नियम बन गए हैं। नए दिशा-निर्देशों के अनुसार शिकायत के 24 घंटे के अंदर इंटरनेट मीडिया से आपत्तिजनक कंटेंट को हटाना होगा

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New Social Media and OTT Rules

New Social Media and OTT Rules

नई दिल्ली। सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफॉर्म पर परोसे जाने वाले कंटेंट को लेकर देश भर में अलग-अलग राय रही है, सुप्रीम कोर्ट ने भी सरकार को इन पर गाइडलाइन तय करने के निर्देश दिए थे, 2018 से सरकार भी इस दिशा में लगातार कार्य कर रही थी सरकार की कवाद का नतीजा अब सामने आया है। टेलीकॉम मिनिस्टर रविशंकर प्रसाद ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी कि सरकार ने किसी तरह का अलग से कानून नहीं बनाया है अल्कि आईटी एक्ट में ही कुछ जोड़-घटा कर गाइडलाइन तैयार की गई है।

रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सरकार ने सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफॉर्म के लिए जो गाइडलाइन बनाई है उसे फॉलो करने के लिए कंपनियों के पास 3 महीने का समय होगा। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया देश में अपना कारोबार बढ़ा सकता है लेकिन, ऐसी कंपनियों को दूसरे देशों की तरह ही यहां भी सरकार द्वारा बताए गए गाइडलाइन को फॉलो करना अनिवार्य होगा। उन्होंने कहा कि कंपनियों के लिए यह अनिवार्य होगा कि वे सरकार या कोर्ट के ऑर्डर पर सोशल मीडिया से आपत्तिजनक कंटेंट हटाना होगा।

इस तरह की कंपनियों को कंप्लेंड ऑफिसर नियुक्त करना अनिवार्य होगा। सरकार की मंशा है कि ओटीटी, और सोशल मीडिया पर कंपनिया खुद निगरानी रखे।

--- सरकार की कानून से जुड़ी एजेंसियों से सोशल मीडिया कंपनियों को तालमेल बनाए रखने के लिए एक नोडल ऑफीसर रखना होगा।

--- सोशल मीडिया और ओटीटी से जुड़ी कंपनियों को छह महीने में शिकायतों और उन पर की गई कार्रवाई की जानकारी सरकार को देनी होगी।

--- हाल के दिनों में सोशल मीडिया के दुरुपयोग को देखते हुए सरकार ने यह भी तय किया है कि, कंटेट कहां से शुरू हुआ यानी कंपनियों को फर्स्ट ओरिजिनेटर बताना अनिवार्य हो जाएगा।

--- सरकार के दिशा निर्देश में यह भी तय किया गया है कि ऐसे अपराध जिनकी सजा पांच साल से अधिक हो सकती है उनके विषय में पूरी जानकारी देना अनिवर्य होगा।

यह और ऐसे ही कई और गाइड लाइन को लागू करने की तैयारी में सरकार ने अपनी कमर कस ली है । सरकार के इस पहल के बारे में प्रेस कॉन्फ्रेस के दौरान रविशंकर प्रसाद ने बताते हुए कहा कि सरकार 3 महीने के भीतर ये सभी प्रावधान लागू करने जा रही है।

इंटरनेट मीडिया प्लेटफॉर्म को संचालित करने वाली कंपनियों को अपने यहां अफसरों की तैनाती करना अनिवार्य होगा। तैनात किए गए अधिकारी 24 घंटे के भीतर कंप्लेंट रजिस्टर कर 15 दिनों में उसका निपटारा करेंगे।

रविशंकर प्रसाद ने बताया यह कंपनियों की जिम्मेदारी होगी कि शरारती कंटेंट किसने फैलाया वह जानकारी मांगे जाने पर सरकार को उपलब्ध कराए। इसके अलावा ऐसे कंटेंट जिससे देश की संप्रभुता पर असर पड़े, या किसी महिला की इज्जत के खिलाफ हो या भड़काउ कंटेट भी शिकायत के 24 घंटे के भीतर संबंधित प्लेटफॉर्म से हटाना कंपनी का दायित्व होगा।


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