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सुप्रीम कोर्ट ने आप नेता संजय सिंह को दी सलाह- लिमिट क्रॉस करेंगे तो FIR दर्ज होगी

Highlights.- सुप्रीम कोर्ट ने राज्यसभा सांसद संजय सिंह की याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब मांगते हुए नोटिस भी जारी किया है - संजय सिंह ने याचिका दायर कर कोर्ट से अनुरोध किया था कि यूपी सरकार की ओर से दर्ज कराई गई एफआईआर रद्द की जाएं - कोर्ट ने संजय सिंह को कथित तौर पर नफरत फैलाने वाले भाषण के मामलों में किसी तरह की दंडात्मक कार्रवाई से सुरक्षा प्रदान की  

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Ashutosh Pathak

Feb 09, 2021

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नई दिल्ली।
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को एक मामले की सुनवाई करते हुए आम आदमी पार्टी के नेता और राज्यसभा सदस्य संजय सिंह को सलाह दी कि वह लिमिट में रहा करें। अगर लिमिट क्रॉस करेंगे, तो उन पर मजबूरन एफआईआर दर्ज करानी ही पड़ेगी। इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने संजय सिंह की याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब मांगते हुए नोटिस भी जारी किया है।

इससे पहले, संजय सिंह ने याचिका दायर कर कोर्ट से अनुरोध किया था कि उत्तर प्रदेश सरकार ने उनके खिलाफ कथित तौर पर नफरत फैलाने वाले भाषण के मामले में कई प्राथमिकियां दर्ज की हुई हैं, इन सभी प्राथमिकियों को रद्द कर दिया जाए। कोर्ट ने आप नेता संजय सिंह को कथित तौर पर नफरत फैलाने वाले भाषण के मामलों में किसी तरह की दंडात्मक कार्रवाई से सुरक्षा प्रदान की। यही नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने संजय सिंह को सलाह देते हुए कहा कि आप सांसद है, आपको ऐसे बयान नहीं देने चाहिए थे। आप लिमिट क्रॉस करेंगे, तो कानून के तहत आपके खिलाफ एफआईआर दर्ज होगी। कोर्ट ने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस को कथित तौर पर नफरत फैलाने वाले मामले में सांसद संजय सिंह के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए राज्य सभा के सभापति से मंजूरी लेने से रोका नहीं जा रहा है।

बता दें कि आप नेता संजय सिंह ने 12 अगस्त 2020 को लखनऊ में एक प्रेस कांफ्रेंस में आरोप लगाया था कि राज्य सरकार एक विशेष जाति का पक्ष ले रही है। उसके बाद ही उनके खिलाफ लखनऊ के हजरतगंज थाने में भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं में एफआईआर दर्ज कराई थी। जांच के बाद पुलिस ने 7 सितंबर 2020 को संजय सिंह के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया और अभियोजन की स्वीकृति भी हासिल कर ली। इसके बाद एमपी/एमएलए कोर्ट ने 4 दिसंबर 2020 को आरोप पत्र का संज्ञान लेकर सांसद संजय सिंह को समन जारी किया था। संजय सिंह ने इस समन को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।

इसके बाद एमपी/एमएलए कोर्ट ने गत 2 फरवरी को संजय सिंह के खिलाफ अभद्र भाषा मामले में गैर जमानती वारंट जारी किया था। जस्टिस पीके राय ने मामले की सुनवाई 17 फरवरी तय की हुई है। संजय सिंह के वकील ने कोर्ट में सुनवाई के दौरान एमपी/एमएलए कोर्ट में अपनी व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट दिए जाने का भी अनुरोध किया था। हालांकि, सरकारी वकील के तर्कों के बाद न्यायाधीश ने यह कहते हुए याचिका खारिज कर दी कि उन्हें इस मामले में अब तक जमानत नहीं मिली है।


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