
सूचना आयोग की रिक्तियों पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, सरकार को गंभीर होने का निर्देश
नई दिल्ली। सूचना आयोग की नियुक्तियों के मामले में हो रही देरी पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और 8 राज्य सरकारों को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने सख्त लहजे में सरकारों से पूछा है कि इतने पद खाली होने के बावजूद नियुक्तियां क्यों नहीं हो रही हैं! सुप्रीम कोर्ट ने अब इस मामले में केंद्र सरकार से जवाब मांगा है।
क्या कहा शीर्ष अदालत ने
सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार से पूछा कि जब सरकारें जानती हैं कि भारी मात्रा में पदों के खाली रहने से दिक्कतें हो रही हैं तब भी वह सूचना आयोग की नियुक्तियों को लेकर गंभीर क्यों नहीं हैं। जस्टिस ए के सिकरी और जस्टिस अशोक भूषण की पीठ ने अतिरिक्त सॉलिसीटर पिंकी आनंद से पूछा कि 'क्या उन्हें नहीं लगता कि पदों के खाली रहने से ये संस्थान प्रभावित होंगे।' अदालत ने केंद्र सरकार से कहा कि रिक्त पदों के चलते बड़ी संख्या में लंबित अपीलों और शिकायतों को निपटाने में दिक्कत हो रही है। उधर याचिकाकर्ता ने कोर्ट में कहा कि सूचना आयोग में बड़ी संख्या में पद खाली हैं और यह केवल केंद्रीय सूचना आयोग में ही नहीं है, बल्कि गुजरात, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, केरल, कर्नाटक, ओडिशा और तेलंगाना में सूचना आयोग में बड़ी संख्या में पद खाली हैं। इतनी बड़ी मात्रा में रिक्तियों के कारण आरटीआई कानून बेअसर होता जा रहा है।
आरटीआई कानून को दबाने की साजिश !
याचिका में आरोप लगाया गया है कि यह आरटीआई कानून को दबाने की साजिश है क्योंकि इसके तहत मांगी गई जानकारियां या तो लोगों को मिल नहीं रही हैं या फिर इसमें बहुत देरी हो रही है। याचिका में ये भी कहा गया है कि अपील और शिकायतों का निपटारा भी नहीं हो पा रहा है।
कुछ राज्यों में बेहद खस्ताहाल है सूचना आयोग
वर्तमान में कई राज्यों में सूचना आयोग खस्ताहाल हैं। महराष्ट्र राज्य सूचना आयोग में करीब 43000 से अधिक मामले लंबित हैं और यहां चार पद रिक्त हैं। केरल राज्य सूचना आयोग में एक ही कमिश्नर के जरिए काम कर रहा है जबकि इसमें 14,000 से अधिक लंबित अपील हैं। इसी प्रकार कर्नाटक में 6 रिक्तियां हैं और लगभग 33,000 अपील और शिकायतें लंबित हैं।
Published on:
03 Jul 2018 08:48 am
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