विपक्ष लगातार बता रहा संविधान विरोधी
नौकरशाह से सियासत में आए शाह फैसल के वकील राजू रामचंद्रन ने संविधान पीठ से अपील कि इस मसले पर न्यायिक फैसले से ही बदलाव लाया जा सकता है। हमसभी बदलाव के लिए कोर्ट की ओर देख रहे हैं। बता दें कि विपक्ष जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का विरोध लगातार कर रहा है। विपक्ष इसे संविधान विरोधी भी बता रहा है।
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बिना सिफारिश अनुच्छेद-370 को हटाना संघीय ढांचा के सिद्धांतों का उल्लंघन
जस्टिस रमना की पीठ से फैसल के वकील रामचंद्रन कहा कि अनुच्छेद-370 को बिना राज्य के विधानमंडल की सिफारिश के हटाना संघीय ढांचा के सिद्धांतों का उल्लंघन है। साथ ही यह जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम संविधान के अनुच्छेद-3 का उल्लंघन करता है। इसके अलावा इस अनुच्छेद की शक्तियों को ट्रांसफर राष्ट्रपति को नहीं किया जा सकता।
जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने के समय से कई नेता हिरासत में
गौरतलब है कि इसी साल केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35 ए को खत्म कर दिया है। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटा गया है। एहतियात के तौर पर जम्मू-कश्मीर के कई नेताओं को हिरासत में रख दिया गया है। जिसमें फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती, शाह फैसल समेत कई नेता शामिल हैं।
राज्य से अनुच्छेद 370 हटने के बाद केंद्र सरकार ने कहा कि विशेष दर्जा हटाने के बाद से अभी तक एक भी नागरिकों की मौत नहीं हुई है। पिछले दिनों संसद में खुद गृहमंत्री अमित शाह ने कहा था कि कश्मीर में हालात सामान्य है।