scriptसुप्रीम कोर्ट ने ताजमहल में बाहरी नमाजियों पर लगाया बैन, नहीं पढ़ सकेंगे नमाज | Supreme Court refuses to allow offering of Namaz at Taj Mahal | Patrika News

सुप्रीम कोर्ट ने ताजमहल में बाहरी नमाजियों पर लगाया बैन, नहीं पढ़ सकेंगे नमाज

Published: Jul 09, 2018 02:03:39 pm

Submitted by:

Mohit sharma

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अब ताजमहल में बाहरी नमाजी नमाज अता नहीं सकते हैं। हालांकि स्थानीय नमाजी अभी भी यहां नमाज पढ़ सकते हैं।

Namaz at Taj Mahal

सुप्रीम कोर्ट ने ताजमहल में बाहरी नमाजियों पर लगाया बैन, नहीं पढ़ सकेंगे नमाज

नई दिल्ली। दुनिया के सात अजूबों में शामिल ताजमहल को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अब ताजमहल में बाहरी नमाजी नमाज अता नहीं सकते हैं। हालांकि स्थानीय नमाजी अभी भी यहां नमाज पढ़ सकते हैं। बता दें कि ताजमहल में बाहरी नमाजियों के आने पर स्थानीय लोगों ने कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। याचिका में मांग की गई थी कि ताजमहल में बाहरी लोगों को भी नमाज पढ़ने की अनुमति दी जाए।

अमरीका और इंग्लैंड की पुलिस जानना चाहती है बुराड़ी केस का सच, दिल्ली पुलिस से साधा संपर्क

https://twitter.com/ANI/status/1016205279233536000?ref_src=twsrc%5Etfw

सोमवार को याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ताजमहल सात अजूबों से एक है। ऐसे में यहां नमाज नहीं पढ़ी जा सकती। दरअसल, ताज महल परिसर में स्थित मस्जिद में हर हफ्ते जुमे की नमाज अता की जाती है। इसको लेकर यहां कई बार टकराव की स्थिति भी बन चुकी है। पिछले साल यह नमाज के साथ-साथ शिव चालीसा पढ़ने की अनुमति भी मांगी गई थी। जबकि ऐसा न होने पर नमाज भी बंद कराने की मांग रखी गई थी। यहां तक कि भाजपा के कई नेता भी ताजमहल को लेकर बड़े बयान दे चुके हैं। उन्होंने ताजमहल को शिव मंदिर बताया था।

मुंबई में भारी बारिश से यातायात ठप, शिक्षा मंत्री ने स्कूल-कॉलेजों को दिए छुट्टी के आदेश

वहीं, उत्तर प्रदेश सुन्नी वक्फ बोर्ड ने कहा है कि वह ताजमहल पर स्वामित्व का दावा पेश नहीं करेगा। बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में हफलनामा दाखिल कर किसी तरह की स्वामित्व के विचार से इनकार किया। बता दें कि इससे पहले आगरा मजिस्‍ट्रेट की ओर जारी आदेश में ताजमहल में केवल स्‍थानीय नमाजियों को ही नमाज पढ़ने की अनुमति दी गई थी। आगरा मजिस्ट्रेट के आदेश को कुछ लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।

 

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो