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सुप्रीम कोर्ट ने कहा, राष्ट्रीय समस्या है ब्लू व्हेल गेम, दूरदर्शन और निजी चैनल बढ़ाए जागरूकता

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ब्लू व्हेल गेम एक राष्ट्रीय समस्या है। इसके खतरों को लेकर दूरदर्शन और निजी चैनलों को प्राइम टाइम में जागरुकता बढ़ानी चाहिए।

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Dharmendra Chouhan

Oct 27, 2017

Supreme Court says, Blue Whale challenge a national problem

नई दिल्ली . सुप्रीम कोर्ट ने ब्लू व्हेल गेम पर टिप्पणी करते हुए राष्ट्रीय समस्या करार दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि ब्लू व्हेल गेम एक राष्ट्रीय समस्या है। देश की सबसे बड़ी कोर्ट ने यह टिप्पणी ब्लू व्हेल चैलेंज गेम पर प्रतिबंध लगाने के लिए दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान की। सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि इस खेल को लेकर एक कमेटी बनाई गई है। वह तीन सप्ताह में अपनी रिपोर्ट सौपेंगी। सुप्रीम कोर्ट ने सुझाव दिया है कि दूरदर्शन और निजी चैनलों को अपने प्राइम टाइम प्रोग्राम से इस खेल के खतरों को लेकर जागरूकता बढ़ानी चाहिए।

73 साल के तमिलनाडु निवासी ने लगाई याचिका
तमिलनाडु के रहने वाले 73 साल के एक व्यक्ति ने ऑनलाइन गेम ब्लू व्हेल चैलेंज पर बैन लगाने को लेकर शीर्ष कोर्ट में याचिका लगाई है। इस गेम के चलते कई बच्चों की जान जा चुकी है। इस याचिका खेल के खतरों के अलावा यह भी मांग की गई है कि सरकार इसे लेकर जागरूकता फैलाए। याचिका में कहा गया कि मीडिया के अनुसार पांच सितंबर तक यह इसकी वजह से कम से कम दो सौ व्यक्तियों ने आत्महत्या की है। इनमें अधिकांश 13 से 15 साल की आयु के किशोर शामिल हैं।

रूसी युवक ने बनाया था यह गेम
एक साइबेरियाई अदालत ने सुसाइड गेम का निर्माण करने वाले 22 वर्षीय रूसी युवक को तीन साल कैद की सजा सुनाई थी। यही नहीं जब मई में सेंट पीटर्सबर्ग में एक साक्षात्कार के दौरान बुदेइकिन से पूछा गया कि क्या उसने किशोरों को जानबूझकर आत्महत्या करने के लिए उकसाया था तो यह बात स्वीकार की है। असल, ब्लू व्हेल गेम की शुरुआत 2013 में रूस में हुई थी। इसके लिए बुदेइकिन लोगों को ऑन लाइन कॉंटेक्ट बनाता है। बुदेइकिन का निशाना किशोर होते हैं, क्योंकि उनको आसानी से निशाना बनाया जा सकता है। इस दौरान वह लोगों को स्वयं के बारे में बात करने के लिए कहता है। उनको स्काइप और उनसे ऑनलाइन निराशाजनक सामग्री देखने को भी कहा जाता है। इसके लिए उन लोगों का चुनाव किया जाता है, जो या तो कमजोर हों या फिर निशार हों। टास्क गेम के खेलने के लिए लोगों का चुनाव करने के बाद गेम एडमिन उनको रोजाना अलग-अलग टास्क देता है, जिनकों 50 दिनों के भीतर पूरा करना होता था। इन गेम टास्क में प्लेयर्स को गाने सुनने, हॉरर फिल्म देखने, आधी रात को उठने, ब्लेड से स्किन पर व्हेल की आकृति बनाने या फिर कुछ लिखने समेत कई खतरनाक काम करने को कहा जाता है। सबूत के लिए भेजनी होती है तस्वीर इस सुसाइड गेम में प्लेयर को एडमिन के पास हर स्टेज कम्पलीट करने के बाद प्रूफ के तौर पर तस्वीर और वीडियो भेजनी होती है। भारत में भी अब तक कई बच्चे अपनी जान इस खेल के चक्कर में गंवा चुके हैं। इसी के बाद यह याचिका लगी है।