
भारतीय कानूनों का पालन ट्विटर को करना ही होगा।
नई दिल्ली। देश विरोधी ट्विट के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हुई। शीर्ष अदालत ने सुनवाई के बाद देश विरोधी और भड़काऊ मैसेज भेजे जाने को लेकर ट्विटर इंडिया और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछा है कि ट्विटर पर इस तरह के मैसेज आने के बाद उनकी तरफ से क्या किया जा सकता है।
ट्विटर पर देश विरोध और भड़काऊ मैसेज को लेकर बीजेपी नेता विनीत गोयनका ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। याची ने ट्विटर पर भड़काऊ और देश विरोधी मैसेज पोस्ट होने का आरोप लगाया था। इतना ही नहीं ट्विटर पर इस तरह का विज्ञापन भी दिया जाता है। इसके जरिए हेट मैसेज फैलाए जाते हैं। इसको रोकने के लिए फिलहाल कोई दिशा-निर्देश नहीं है। इस बात को ध्यान में रखते हुए शीर्ष अदालत तुरंत जरूरी आदेश दे। ताकि इस तरह के मैसेज पोस्ट होने से रोका जा सके।
बता दें कि इस मुद्दे पर ट्विटर के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक में भारत सरकार ने सख्त नाराजगी व्यक्त की है। भारत सरकार के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव के साथ ट्विटर के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक हुई थी। जिसमें सरकार की ओर से ये साफ कर दिया गया था कि ट्विटर को भारत में यहां के नियम कानून का पालन करना ही होगा।
Updated on:
12 Feb 2021 01:41 pm
Published on:
12 Feb 2021 01:08 pm
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