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सर्वे रिपोर्ट: महिलाएं घर-परिवार के लिए, तो पुरुष सजने-संवरने में आगे

Published: Jan 13, 2021 09:41:41 am

Submitted by:

Ashutosh Pathak

Highlights.
– सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी से पहले टाइम यूज इन इंडिया 2019 सर्वे रिपोर्ट में खुलासा- महिलाएं गांव की हों या शहर की, पूरी मेहनत व समर्पण के साथ काम करती हैं- सुप्रीम कोर्ट ने कहा था- महिला के काम का मूल्य पति के साथ बराबर रखा जाना चाहिए

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नई दिल्ली.

घरेलू कामकाज हो या फिर पारिवारिक जिम्मेदारियां, महिलाएं इन सबमें पुरुषों से आगे हैं। महिलाएं चाहे गांव की हों या शहर की, दोनों जगह पूरी मेहनत व समर्पण के साथ काम करती हैं, जबकि उन्हें कोई मेहनताना नहीं मिलता है। गांवों में महिलाएं खेतों में भी काम करती हैं। मवेशियों के चारा-पानी का भी इंतजाम करती हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही एक मामले की सुनवाई के दौरान कहा था कि घर में महिला के काम का मूल्य उसे ऑफिस जाने वाले पति के साथ बराबर रखा जाना चाहिए। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि महिला व पुरुष अपने 24 घंटे समय का प्रयोग ज्यादातर किस रूप में करते हैं। जनसंख्या रिपोर्ट 2020 के आंकड़ों के अनुसार देश में 15.98 करोड़ महिलाएं घरेलू कार्य के रूप में दर्ज हैं वहीं पुरुषों की कुल संख्या 57.90 लाख है।

आपके घर में सबसे जिम्मेदार कौन?
24 घंटे में महिलाएं घर के सदस्यों की देखभाल के कार्यों में 134 मिनट करती हैं तो पुरुष 76 मिनट करते हैं। पूरे दिन में इन कार्यों पर खर्च समय को जोड़े तो स्पष्ट हो जाता है कि परिवार की देखभाल से लेकर घरेलू कार्यों की जिम्मेदारी कौन निभाता है? महिलाएं औसतन समय का 16.9 फीसदी जबकि पुुरुष 1.7 फीसदी बिना पैसे के घरेलू काम व महिलाएं 2.6 फीसदी घर के सदस्यों की देखभाल में जबकि पुरुष सिर्फ 0.8 फीसदी समय करते हैं। यह रिपोर्ट भारतीय सांख्यिकी संगठन (एनएसओ) ने हाल ही टाइम यूज इन इंडिया 2019 सर्वे रिपोर्ट जारी की है।
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अपनी देखभाल
726 मिनट 24 घंटे में अपनी देखभाल पर खर्च करते हैं भारतीय
737 मिनट 24 घंटे में ग्रामीण पुरुष अपनी देखभाल पर खर्च करते
724 मिनट 24 घंटे में महिलाएं अपनी देखभाल पर खर्च करतीं
(सोना, खाना-पीना, सेहत पर ध्यान देना, इलाज कराना, अपनी देखभाल के लिए कहीं आना-जाना शामिल)
नौकरी/रोजगार
429 मिनट रोजगार और उससे जुड़ी गतिविधियों पर खर्च करते हैं
514 मिनट शहरी पुरुष, गांवों में 485 मिनट रोजगार के लिए देते
317 मिनट ग्रामीण महिलाएं तो शहरी 375 मिनट रोजगार के लिए देतीं
परिवार के लिए कितना टाइम
299 मिनट घरेलू कार्यों के लिए महिलाएं तो पुरुष 97 मिनट देते
301 मिनट ग्रामीण महिलाएं अपने परिवार के सदस्यों के लिए देती
293 मिनट शहरी महिलाएं अपने परिवार के सदस्यों के लिए देती
98 मिनट तक ग्रामीण पुरुष और शहरी 94 मिनट ही खर्च करते

हम कितने ‘सोशल’
143 मिनट सोशलाइजिंग एंड कॉम्युनिकेशन, धार्मिक कार्यों पर
165 मिनट संस्कृति, मास मीडिया व खेलों पर खर्च करते हैं
कैसे तैयार हुई रिपोर्ट
1,38,799 घरों के 4,47,250 लोगों को शामिल किया गया
2,73,195 ग्रामीण व 1,74,055 शहरी परिवार हुए शामिल
06 साल से अधिक उम्र के परिवार के सदस्यों से बातचीत की
4 बजे सुबह से अगले दिन सुबह 4 बजे का कामकाज शामिल
लैंगिक समानता में भारत फिसड्डी
वैश्विक लैंगिक समानता में भारत 129 देशों में से 95 वें स्थान पर है। यह गरीबी, स्वास्थ्य, शिक्षा, साक्षरता,राजनीतिक प्रतिनिधित्व व कार्यस्थल पर समानता के आंकड़ों के अनुपात शामिल।
देश पुरुष महिलाएं
स्वेडन 40.7 55.3
नॉर्वे 43.9 56.1
डेनमार्क 43.4 56.6
कनाडा 39.8 60.2
इंडिया 9.5 90.5
पाकिस्तान 8.9 91.1
कम्बोडिया 8.7 91.3
माली 8 92.0
स्रोत : अंतरराष्ट्रीय मजदूर संगठन के आंकड़े। आंकड़े प्रतिशत में
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