80 प्रतिशत पुरुष व 70 प्रतिशत महिला हैं मांसाहारी
नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे 2015-16 के मुताबिक भारत के करीब 80 प्रतिशत पुरूष और 70 प्रतिशत महिलाएं अपनी डाइट में अंडा, मछली, चिकन और मीट जैसे आइटम को शामिल करते हैं। हालांकि नॉन वेज खाने वाले लोग भी रुटीन लाइफ में दूध-दही, दाल, हरी और पत्तेदार सब्जियां ही खाते हैं। लेकिन महीने में कई बार नॉन वेज भी खाते हैं। सर्वे के अनुसार, करीब 43 प्रतिशत महिलाएं और करीब 49 प्रतिशत पुरूष हफ्ते में एक बार जरूर मछली, चिकन और मीट खाना पसंद करते हैं।
शहरी इलाके में हैं ज्यादा मांसाहारी
सर्वे में यह भी देखा गया कि कुंवारे पुरूष (50.5% अंडे और 49.2% नॉन वेज) अंडे और मांस ज्यादा खाते हैं। वहीं शादीशुदा या कुंवारी महिलाओं के मुकाबले विधवा, तलाकशुदा या पति से अलग हो चुकी महिलाएं (41.5% अंडे और 47.4% मछली, चिकन और मीट) नॉनवेज खाना ज्यादा पसंद करती हैं। ग्रामीण इलाकों (47.1% अंडे और 46.5% नॉन वेज) में रहने वाले पुरुषों के मुकाबले शहरी पुरूष (53.8% अंडे, 52.8% नॉन वेज) मांसाहार ज्यादा पसंद करते हैं।
पंजाब में सबसे ज्यादा शाकाहारी
सर्वे के मुताबिक केरल (92.8%), गोवा (85.7%) और असम (80.4%) में वीकली तौर पर सबसे ज्यादा मछली, चिकन या मीट खाने वाली महिलाएं हैं। वहीं पंजाब (4%), राजस्थान (6%) और हरियाणा (7.8%) में सबसे कम हैं। अगर पुरुषों की बात करें तो त्रिपुरा (94.8%), केरल (90.1%) और गोवा (88%) के सबसे पुरूष आगे हैं। वहीं पंजाब (10%), राजस्थान (10.2%) और हरियाणा (13%) के पुरूष सबसे कम नॉन वेज खाना पसंद करते हैं।
कुपोषण व मोटापा भी है बड़ी समस्या
इस सर्वे में एक और बड़ी बात निकल कर सामने आई कि भारत में कुपोषण, मोटापा और दुबलापन भी बड़ी समस्या बनी हुई है। करीब 53.7 प्रतिशत महिलाएं और 22.7 प्रतिशत पुरूष एनीमिया से पीड़ित हैं। वहीं 22.9 प्रतिशत महिलाएं और 20.2 प्रतिशत पुरूष दुबलेपन के शिकार हैं। 20.7 प्रतिशत महिलाएं और 18.9 पुरूष ओवरवेट या मोटापे से जूझ रहे हैं।
स्वास्थ्य के लिए मांसाहार बेहतर
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूट्रिशन हैदराबाद के मुताबिक जानवरों से मिलने वाला प्रोटीन बेहतर गुणवत्ता वाला होता है, क्योंकि इसमें जरूरी मात्रा में एमिनो एसिड मिलता है, जबकि वहीं हरी सब्जियों में एमिनो एसिड कम होने के कारण उससे मिलने वाले प्रोटीन की गुणवत्ता उतनी बेहतर नहीं होती।
केंद्र सरकार शाकाहार को कर रही है प्रमोट
अगर केंद्र सरकार की बात करें तो वह अपनी नीतियों और कार्यक्रमों के जरिये शाकाहार को प्रमोट करती रहती है। हाल ही में परिवार कल्याण एवं स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक तस्वीर ट्वीट कर जंक फूड के साथ अंडा-मांस को भी रख कर यह संदेश देने की कोशिश की थी कि इन खानों से मोटापा बढ़ता है। इस पर काफी विवाद हो गया था। इसके बाद उसे इस तस्वीर को डिलीट करना पड़ा था। इसके अलावा मध्य प्रदेश सरकार ने 2015 में आंगनबाड़ी में परोसे जाने वाले भोजन में अंडे को बैन कर दिया था। इससे अलावा भाजपा सरकार ने गांधी जयंती यानी 2 अक्टूबर को शाकाहारी दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी। इसके लिए उसने प्रस्ताव तैयार कर दो अक्टूबर 2018, 2019 और 2020 को गांधी जयंती के दिन ट्रेनों में केवल शाकाहारी खाना परोसने का प्लान बनाया था। हालांकि विवाद के बाद रेलवे ने इसे ठंडे बस्ते में डाल रखा है।