14 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Coronavirus: हर छींक का मतलब कोरोना नहीं, कैसे करें पहचान?

दुनिया के 81 देशों में कोरोना वायरस ( Coronavirus ) से मचा हड़कंप भारत में कोरोना ( Coronavirus ) के अब तक 31 मामले आए सामने

2 min read
Google source verification
Coronavirus: हर छींक का मतलब कोरोना नहीं, कैसे करें पहचान?

Coronavirus: हर छींक का मतलब कोरोना नहीं, कैसे करें पहचान?

नई दिल्ली। देश में इस समय कोरोना वायरस ( Coronavirus ) की वजह से हड़कंप मचा है। भारत में कोरोना ( Coronavirus in India ) के अब तक 31 मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से तीन ठीक होकर अपने-अपने घरों को जा चुके हैं।

ऐसे में कोरोना वायरस ( Coronavirus ) को लेकर लोगों के मन में तरह-तरह के भ्रांतियां पल रही हैं। जिसका एक कारण लोगों में कोरोना वायरस के बारे में पुख्ता जानकारी का न होना है।

कोरोना के प्रकोप से सहमे आरजेडी प्रमुख लालू यादव, रिम्स हॉस्पिटल प्रबंधन पर भड़के

दरअसल, लोगों में सबसे ज्यादा कंफ्यूजन कोरोना वायरस ( Coronavirus ) और सामान्य खांसी जुकाम में भेद न कर पाना है।

यही वजह है कि पब्लिक प्लेस या पब्लिक ट्रांसपोर्ट में किसी को सामान्य छींक आने तक पर लोग उसको संदिग्ध की तरह देखने लगते हैं।

ऐसे में हम आपको बताते हैं कि हर छींक का मतलब कोरोना वायरस नहीं। जिसकी पहचान कुछ इस तरह से की जा सकती है...

Coronavirus: दिल्ली सरकार का बड़ा फैसला, सरकारी दफ्तरों में बायोमेट्रिक अटेंडेंस पर लगाई रोक

दरअसल, कोरोना वायरस और मौसम जुकाम के लक्षणों में बहुत अधिक अंतर नहीं है। यही वजह है कि लोगों को सबसे बड़ी समस्या इसको लेकर है कि वो इस बात की पहचान आखिर करें कैसे?

ऐसे में डॉक्टर्स का कहना है कि ऐसा कोई डाटा उपलब्ध नहीं है, जिससे मौसमी जुकाम और कोविड-19 के लक्षणों की पहचान हो सके।

लेकिन ऐसी स्थिति में बजाए भयभीत होने के लोगों को यह ध्यान रखना चाहिए कहीं वह किसी कोरोना संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में तो नहीं आया।

दिल्ली सरकार की एडवाइजरी, कोरोना से बचाव में मास्क व सैनिटाइजर जरूरी नहीं

coronavirus rus: CBSE ने दी बोर्ड परीक्षाओं के दौरान छात्रों को मास्क की छूट

विशेषज्ञों के अनुसार सामान्‍य फ्लू या कोरोना वायरस को केवल ऐंटीबायोटिक्‍स से कंट्रोल नहीं किया जा सकता। यह बीमारी केवल बैक्टिरिया के इंफेक्शन में ही जोर पकड़ती है।

मौसम जुकाम और कोरोना वायरस दोनों ही केसों में डॉक्टरों का बुखार को कम करने का प्रयास रहता है।

जबकि अधिकांश मरीज तो बिना किसी इलाज के ही ठीक हो जाते हैं, जबकि गंभीर मामलों में हॉस्पिटल में भर्ती कराए जाने से लेकर जीवन रक्षक प्रणाली की जरूरत पड़ती है।