रिटायर्ड एसीपी सुरेश वालीशेट्टी के अनुसार, टाडा कानून 21 जुलाई, 1990 को बना था और उसी दिन यह अरुण गवली पर लगा दिया गया । इस तरह गवली टाडा में गिरफ्तार पहला आरोपी था। बाद में टाडा ऐक्ट 1993 के बम धमाकों के अबू सलेम सहित 123 आरोपियों पर भी लगा। इनमें से 100 उस केस में दोषी ठहराए गए। टाडा कोर्ट ने इनमें से 12 को फांसी की सजा सुनाई थी। संजय दत्त पर भी टाडा लगा था, लेकिन टाडा कोर्ट ने बाद में उसे सिर्फ आर्म्स ऐक्ट में सजा सुनाई।1994 तक इस टाडा में 76166 लोग गिरफ्तार किया जा चुके थे। केवल 4% प्रतिशत लोग ही इसमें अपराधी साबित हुए, लेकिन इस कानून के कड़े प्रावधानों के चलते कई लोग इसमें सालों साल जेल में सड़ते रहे।