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टीम इंडिया ने सिर्फ आस्ट्रेलिया को हराया नहीं, सफलता का मंत्र भी सिखाया- प्रो. हिमाँशु राय

Highlights. - यह सफलता चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के बावजूद बेहद प्रेरणादायक रही - अजिंक्य रहाणे की शूरता से टीम को रणनीतिक जीत हासिल हुई - बाधाओं-असफलताओं का सामना करने के बाद हासिल इस जीत का बड़ा महत्त्व है  

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Ashutosh Pathak

Jan 20, 2021

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प्रोफेसर हिमांशु राय, निदेशक, आईआईएम, इंदौर

ऑस्ट्रेलिया की ज़मीं पर ऑस्ट्रेलियाई टीम के ही साथ हुए रोमांचक क्रिकेट मैच में भारतीय टीम का ऐतिहासिक रूप से विजयी होना न केवल भारतीय क्रिकेट प्रशंसकों के लिए उत्साह की लहर ले कर आया है, बल्कि दुनियाभर के क्रिकेट प्रेमियों को भी 'टीम इंडिया' के परिश्रम और सही रवैये की जादूगरी का सटीक उदाहरण देकर गौरवान्वित महसूस करा रहा है ।

यह सफलता चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के बावजूद बेहद प्रेरणादायक रही है, और टीम ने उम्दा प्रदर्शन किया है । अजिंक्य रहाणे की शूरता से टीम को रणनीतिक जीत हासिल हुई है । टीम को स्वाभाविक तौर से खेलने की रणनीति को अनुकूलता के साथ अपनाने के निर्णयों के लिए भी सराहा जाना चाहिए—इससे मैच अधिक रोचक और गतिशील हो गया ।

भीषण बाधाओं और असफलताओं का सामना करने के बाद हासिल हुई इस जीत का निश्चित रूप से बड़ा महत्त्व है । बात चाहे वरिष्ठ क्रिकेटरों की अनुपस्थिति की हो या परीक्षण के दौरान खिलाड़ियों को गंभीर चोट लगने की; या चाहे नस्लवाद और शत्रुता जैसी घटनाएं हो, या महामारी के कारण होने वाली असुविधाजनक स्थितियाँ—टीम के लिए सम्पूर्ण वातावरण काफी चुनौतीपूर्ण रहा—और यहां तक कि ऐसी स्थिति ने बेहतरीन और अत्यंत सक्षम ‘स्टार’ खिलाडियों का भी मनोबल कुचल दिया ।

जीत का विश्लेषण भारतीय टीम के सफल प्रदर्शन की केस स्टडी के रूप में किया जा सकता है । इस उपलब्धि से नेतृत्व और टीम प्रबंधन में प्रमुख सीखें (जो किसी भी टीम की सफलता के लिए महत्वपूर्ण हो सकते हैं) निम्नानुसार हैं:

1. प्रसिद्धि नहीं, सही रवैये का महत्त्व
अनुभवी स्टार खिलाड़ियों की अनुपस्थिति में भी युवा प्रतिभाशाली खिलाड़ियों की एक टीम, सही प्रयासों के प्रति उचित पहल, दृढ़ विश्वास और प्रतिबद्धता के साथ अच्छा प्रदर्शन कर सकती है ।

2. टीम बिल्डिंग सबसे ज़रूरी
टीम के कप्तान ने उपलब्ध संसाधनों को जुटाकर और समझकर; और उद्देश्य और टीम भावना की साझा भावना पैदा करके, टीम को अद्वितीय प्रदर्शन करने के लिए प्रोत्साहित किया और अनन्य सफलता का प्रदर्शन किया ।

3. सलाह और समर्थन (शारीरिक और मानसिक)
मुख्य कोच रवि शास्त्री और अन्य सभी कोच ने टीम को सही तकनीकी सलाह देने के साथ ही भावनात्मक और मानसिक रूप से भी पूरा समर्थन दिया ।

4. उम्मीद से हुए प्रेरित
प्रशंसकों से उच्च उम्मीदें टीम पर दबाव बढ़ा सकती थीं, लेकिन टीम ने इन अपेक्षाओं को सकारात्मक रूप में ले कर और भी बेहतरीन प्रदर्शन करने के लिए एक प्रेरक कारक के रूप में लिया ।

भारतीय टीम की शानदार जीत ने यह साबित कर दिखाया है कि मात्र प्रतिभा और अनुभव कभी भी पर्याप्त नहीं होते हैं; बल्कि इस तरह की अभूतपूर्व जीत हासिल करने के लिए सही दृष्टिकोण, मानसिकता, सलाह और टीम वर्क की भूमिका अपरिहार्य है ।