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पब्लिक के ब्रेनवॉश को बनी ‘द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर’, ट्रेलर पर रोक के लिए याचिका दायर

फिल्म 'द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर' के ट्रेलर पर प्रतिबंध लगाने की मांग वाली याचिका दिल्ली हाईकोर्ट में दायर की गई है।

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पब्लिक के ब्रेनवॉश को बनी 'द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर', ट्रेलर पर रोक के लिए दायर याचिका

नई दिल्ली। फिल्म 'द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर' के ट्रेलर पर प्रतिबंध लगाने की मांग वाली याचिका दिल्ली हाईकोर्ट में दायर की गई है। एक वकील ने यह जानकारी शनिवार को दी। याचिका कर्ता पूजा महाजन ने कहा लगता है कि The Accidental Prime Minister फिल्म सिर्फ लोगों के दिमाग में एक अलग छाप बनाने और उनका ब्रेनवॉश करने के लिए बनाई गई है। ट्रेलर खुद कहता है 'यह चुनावी मौसम'। इस पर स्टे लगाया जाना चाहिए। इसके साथ ही याचिका में कहा गया है कि फिल्म निर्माता को भारत के संविधान की अवज्ञा करने का कोई अधिकार नहीं है, जिसमें संवैधानिक पदों के प्रति सम्मान की बात कही गई है।

व्यावसायिक लाभ अर्जित करने की कोशिश

याचिका दिल्ली की फैशन डिजाइनर पूजा महाजन ने अपने वकील अरुण मैत्री के माध्यम से याचिका दायर की है। याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा कि ऐसा प्रतीत होती है कि फिल्मकार व निर्माता ने व्यावसायिक लाभ अर्जित करने की कोशिश की है। प्रतिरूपण का कार्य संभावित दर्शकों में रोमांच पैदा करने के लिए जानबूझकर प्रधानमंत्री के पद को बदनाम करने के लिए किया गया है। फिल्म की कहानी के बारे में दावा किया जाता है कि यह पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के पूर्व मीडिया सलाहकार संजय बारू द्वारा इसी नाम से लिखी गई किताब पर आधारित है। फिल्म में अभिनेता व भाजपा सांसद किरण खेर के पति अनुपम खेर ने मनमोहन सिंह का किरदार निभाया है, जबकि बारू के किरदार में फिल्म में अक्षय खन्ना हैं। फिल्म 11 जनवरी को रिलीज होने वाली है।

ट्रेलर दिखाने पर रोक लगाने का निर्देश देने की मांग

अधिवक्ता मैत्री ने कहा कि फिल्म निर्माता ने मनमोहन सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और उनकी मां सोनिया गांधी से उनके चरित्र, उनके राजनीतिक जीवन और पहनावे पर अभिनय करने या उनकी आवाज को किसी प्रकार से प्रस्तुत करने की अनुमति नहीं ली है। याचिकाकर्ता ने कहा कि सीबीएफसी के दिशानिर्देश के अनुसार, वास्तविक जीवन पर आधारित फिल्म के लिए अनापत्ति प्रमाणपत्र की जरूरत होती है, लेकिन फिल्म के ट्रेलर के लिए कोई अनापत्ति प्रमाणपत्र नहीं लिया गया है। याचिकाकर्ता ने अदालत से केंद्र सरकार, गूगल, यूट्यूब और सीबीएफसी को 'द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर' का ट्रेलर दिखाने पर रोक लगाने का निर्देश देने की मांग की है।