
नई दिल्ली.
देश में कृषि कानूनों के खिलाफ किसान सोमवार को भूख हड़ताल पर रहे। दिल्ली के सिंधु बॉर्डर से लेकर यूपी-दिल्ली सीमा के गाजीपुर तक किसान सुबह 8 से 5 बजे तक उपवास पर बैठे। किसान आंदोलन का सोमवार को 19वां दिन था।
वहीं, पंजाब के प्रमुख किसान संगठन भारतीय किसान यूनियन (उग्राहां) ने सामूहिक अनशन का बहिष्कार किया। उधर, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसानों के साथ वार्ता की अगली तारीख तय करने के लिए सरकार उनसे संपर्क में है। तोमर ने कहा कि बैठक निश्चित रूप से होगी। समाजसेवी अन्ना हजारे ने केंद्रीय कृषि मंत्री को पत्र लिख किसानों की समस्या हल न होने पर अनशन की चेतावनी दी है।
जयपुर-दिल्ली हाइवे समेत कई बॉर्डर बंद
किसानों ने जयपुर-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग को दूसरे दिन भी बंद रखा। किसान अलवर के शाहजहांपुर में जमे हैं। उन्होंने जयसिंहपुर-खेरा सीमा पर डेरा डाला व एक दिन की भूख हड़ताल की।
10 किसान संगठनों ने किया सरकार का समर्थन
उत्तर प्रदेश, केरल, तमिलनाडु, तेलंगाना, बिहार और हरियाणा के दस किसान संगठनों के नेता कृषि मंत्री तोमर से मिले और उन्हें कृषि कानून पर अपना समर्थन दिया।
भानु गुट बोला- धरना जारी
भारतीय किसान यूनियन (भानु) के प्रदेश अध्यक्ष योगेश प्रताप सिंह ने कहा कि कुछ लोग अफवाह उड़ा रहे हैं कि रक्षा मंत्री और कृषि मंत्री से वार्ता के बाद धरना खत्म कर दिया गया है, मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि धरना खत्म नहीं किया गया है। योगेश प्रताप ने कहा कि जनता की परेशानी को देखते हुए थोड़ा रास्ता खोला गया है।
Published on:
15 Dec 2020 01:24 pm
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