26 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

ये शख्स देगा अटल बिहारी वाजपेयी के पार्थिव शरीर को मुखाग्नि, 4 बजे होगा अंतिम संस्कार

शाम 4 बजे यमुना किनारे होगा अटल बिहारी वाजपेयी का अंतिम संस्कार, ये शख्स दे सकता है मुखाग्नि

2 min read
Google source verification
atal funeral

ये शख्स देगा अटल बिहारी वाजपेयी के पार्थिव शरीर को मुखाग्नि, 4 बजे होगा अंतिम संस्कार

नई दिल्ली। भारत रत्न और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का गुरुवार शाम 5.05 बजे निधन हो गया। वे 93 वर्ष के थे। अटलजी के निधन पर 7 दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा गई की। निधन के बाद अटल बिहारी वाजपेयी का पार्थिव शरीर कृष्ण मेनन मार्ग स्थित उनके आवास पर रातभर रखा गया। सुबह 9 बजे बाद पार्थिव देह भाजपा मुख्यालय ले जाई गई। यहां दोपहर करीब 1.30 बजे अंतिम यात्रा शुरू होगी, जो राजघाट तक जाएगी। वहां महात्मा गांधी के स्मृति स्थल के नजदीक अटलजी का अंतिम संस्कार किया जाएगा। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अटल जी की अस्थियां प्रदेश की सभी नदियों में प्रवाहित की जाएंगी।

यहां सबसे बड़ा सवाल यह है कि अटल बिहारी वाजपेयी को मुखाग्नि कौन देगा? दरअसल अटल बिहारी वाजपेयी ने कभी शादी नहीं की। ऐसे में उनके पार्थिव शरीर को मुखाग्नि कौन देगा ये सवाल सभी के जहन में है। उन्हें मुखाग्नि देने वालें में सबसे आगे जो नाम है वो है नमिता का...जो उनकी दत्तक पुत्री मानी जाती हैं। वाजपेयी के प्रधानमंत्रित्व काल में भी राजकुमारी कौल और नमिता उनके सरकारी आवास में हीं रहती थीं। नमिता वाजपेयी की बुजुर्ग अवस्था में उनकी देखभाल करती थीं। ऐसे में संभव है कि नमिता हीं चिता को आग देने की भूमिका का निर्वाह करें।

दामाद भी दे सकते हैं मुखाग्नि
नमिता कौल की शादी बंगाली मूल के रंजन भट्टाचार्या से हुई है। वाजपेयी के प्रधानमंत्रित्व काल रंजन और नमिता खासे चर्चा में रहते थें। संभव है कि अगर नमिता महिला होने के नाते मुखग्नि नहीं देती हैं तो इस दायित्व का निर्वहन रंजन भट्टाचार्य करें। वहीं अनूप मिश्रा भी एक संभावना हैं। वाजपेयी के भांजे हैं अनूप मिश्रा. भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर 16वीं लोकसभा के लिए मध्यप्रदेश की मुरैना सीट से निर्वाचित हुए हैं। एक सूरत यह भी बनती दिखाई दे रही है कि अनूप मिश्रा वाजपेयी की चिता का अंतिम संस्कार कर सकते हैं, हालांकि आखिरी निर्णय उनके परिवार का हीं होगा।

दीपक वाजपेयी भी विकल्प
अटल बिहारी वाजपेयी का परिवार मूल रुप से मध्य प्रदेश के ग्वालियर का रहने वाला था। यहां पर आज भी उनका भरा पूरा परिवार रहता है। उनके भतीजे दीपक वाजपेयी जो कि उनके भाई के बेटे हैं, वो भी दिल्ली पहुंच चुके हैं। ग्वालियर में रहने वाली उनकी भतीजी कांति वाजपेयी ने कहा कि हक तो हमारे हीं परिवार का बनता है लेकिन आखिरी निर्णय सर्वसम्मति से तय होगा।