
mulayam singh
महोबा। अपने बेलगाम कार्यकर्ताओं के कारण समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिह यादव मंगलवार को फिर एक नए झमेले में फंस गए। सामूहिक बलात्कार वाले बयान पर उन्हे तलब करने का समन जारी करने वाले महोबा जिले के सिविल जज जूनियर डिविजन ने अब उनके खिलाफ अदालत की अवमानना करने के आरोप में मंगलवार नोटिस जारी किया। न्यायालय ने जवाब दाखिल करने के लिए 18 सितम्बर तक तारीख तय की है। अदालत ने कहा है कि आदेश का पालन नहीं होने पर प्रकरण उच्च न्यायालय के सुपुर्द कर दिया जाएगा।
कुलपहाड़ के सिविल जज जूनियर डिवीजन न्यायालय के न्यायाधीश अंकित गोयल ने महोबा के सपा युवजन सभा के जिलाध्यक्ष भागीरथ यादव द्वारा सोमवार को फोन पर मकान मालिक सुनील अग्रवाल को धमकाए जाने की घटना को बेहद गंभीरता से लिया। इस सम्बन्ध में सुनील ने मंगलवार को शपथ पत्र के साथ न्यायालय में शिकायत की थी।
अदालत ने सपा नेता की करतूत को न्यायिक प्रक्रिया को बाधित किए जाने के तहत माना और मुलायम सिंह व भागीरथ यादव के खिलाफ अवमानना नोटिस जारी करते हुए इन्हे तामील कराने की जिम्मेवारी पुलिस अधीक्षक के. के. गहलौत को सौंपी। मालूम रहे कि सामूहिक बलात्कार वाले बयान को स्वत संज्ञान में लेकर कुलपहाड़ सिविल जज जूनियर डिवीजन न्यायालय ने 21 अगस्त को मुलायम सिह यादव के खिलाफ समन जारी किए थे।
दूसरे ही दिन इस मामले में एक सपा कार्यकर्ता द्वारा जिला सत्र न्यायालय में पुनर्विचार साचिका दाखिल किए जाने पर जिला जज चैतन्य कुमार कुलश्रेष्ठ ने यादव को अदालत में व्यक्तिगत पेशी से छूट दे दी थी और अगली सुनवाई की तिथि 26 सितम्बर तय की थी।
Published on:
25 Aug 2015 09:23 pm
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