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बॉर्डर पर जवान मुस्तैद, निगरानी तंत्र कमजोर

सर्द हवाओं के झोंको और कोहरे के बीच कई बार जमाव बिंदु के पास पहुंचता पारा भले ही सीमा पर तैनात सुरक्षा बल के जवानों के जोश को ठंडा न कर पाए, लेकिन निगरानी तंत्र में कमजोरी कभी भी भारी पड़ सकती है

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Bhup Singh

Jan 11, 2016

Border Security

Border Security

नई दिल्ली। सर्द हवाओं के झोंको और कोहरे के बीच कई बार जमाव बिंदु के पास पहुंचता पारा भले ही सीमा पर तैनात सुरक्षा बल के जवानों के जोश को ठंडा न कर पाए, लेकिन निगरानी तंत्र में कमजोरी कभी भी भारी पड़ सकती है। पाक सीमा से सटे सरहदी जैसलमेर और बाड़मेर जिले के बॉर्डर इलाकों में खुफिया व निगरानी तंत्र को मजबूत करने के लिए सरकारी स्तर पर अब तक प्रभावी प्रयास नहीं होने से यह स्थिति बनी है। पश्चिमी राजस्थान की 1044 किमी सीमा पर इन दिनों हथियार व मादक पदार्थों की तस्करी के कई प्रकरण और हाल ही में पाकिस्तानी बच्चों के सरहद में प्रवेश करने की घटना के बाद सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है। करीब 30 किमी से अधिक के क्षेत्र में की गई तारबंदी शिफ्टिंग सेंड ड्यून्स के कारण छिप जाती है।

हाफिज आ चुका है सीमा पर
कुछ अरसे पहले खूंखार आतंकी हाफिज सईद पश्चिम राजस्थान की जैसलमेर जिले से सटी पाक सीमा में घूम चुका है। यह बात सामने आने के बाद सरहद पर एक बार फिर आशंका के बादल मंडराए हुए हैं।

फ्लड लाइट्स व फेंसिंग पर्याप्त
बाड़मेर की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर फेंसिंग व फ्लडलाइट्स की पर्याप्त सुविधा है। बॉर्डर पीलर (जीरो लाइन) से 150 मीटर की दूरी पर भारतीय सीमा में करीब दस फीट ऊंची तारबंदी है। वहीं जीरो लाइन से कहीं पचास, कहीं सौ मीटर की दूरी पर कैटल फेंसिंग भी है। फ्लडलाइट्स इस तरह से लगी हुई है कि उनकी रोशनी पर्याप्त रहती है। सरहद पर कठिन परिस्थितियों के बावजूद सीमा सुरक्षा बल के जवान बुलंद हौसलों के साथ ड्यूटी दे रहे हैं। उपलब्ध संसाधनों के साथ सीमा पर सुरक्षा प्रहरी चौकस हैं।

ये हैं लापरवाही की मिसालें
-2012 में सीमा पार से आई 8 किलो हेरोइन। इस मामले में एटीएएस ने जैसलमेर जिले से 4 आरोपितों को किया था गिरफ्तार।
-2013 में सरहद पर मिला जासूसी बाज। हालांकि इसे पकड़ लिया गया।
-2014 में पाकिस्तानी तस्कर रोशनखां बाड़मेर बॉर्डर पर चार बार भारतीय सीमा में पांच सौ मीटर तक आया और हथियार, हेरोइन, जाली नोट, पाकिस्तानी सिमकार्ड, मोबाइल, स्वयं के फोटो डम्प कर चला गया। भारतीय सीमा में नबिया के गुर्गों ने ये डिलीवरी उठाई और पार कर दी।
-2015 में बाड़मेर और जैसलमेर में सीमा पार से करीब 45 करोड़ की 9 किलो हेरोइन आई। बाड़मेर और जैसलमेर के दो-दो तस्कर इसकी यहां आपूर्ति करने की फिराक में थे।
-2015 में ही जैसलमेर से सटी सीमा पर तीन पाकिस्तानी बच्चे गड्ढा खोदकर तारबंदी के नीचे से सरहद पार आ गए।

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