
टीएम ने केन्द्र सरकार से बकाया राशि भुगतान करने की मांग की है।
नई दिल्ली। पूरा देश इन दिनों कोरोना वायरस ( coronavirus ) संकट से जूझ रहा है। COVID-19 के कारण देश में लॉकडाउन ( Lockdown ) लागू है। कोरोना को लेकर केन्द्र ( Centre ) और पश्चिम बंगाल ( West Bengal Government ) सरकार के बीच लगातार विवाद जारी है। इसी बीच तृणमूल कांग्रेस ( TMC ) ने केन्द्र सरकार ( Central Government ) से अपील की है कि बकाया राशि को जल्द से जल्द भुगतान किया जाए। टीएमसी ने दावा किया है कि केन्द्र की ओर से कुल 53 हजार कोरड़ रुपए की सहायता राशि का भुगतान करना बाकी है।
केन्द्र पर 53 हजार करोड़ का बकाया- TMC
TMC के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन ( Derek O'Brien ) ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए से मीडिया से बात करते हुए कहा कि केन्द्र के ऊपर पहले का कुल 53 हजार करोड़ रुपए का बकाया है। ब्रायन ने कहा कि हाल ही में अम्फान च्रकवाती तूफान ( Amphan Cyclone ) से राज्य को 1,02,000 करोड़ रुपए के नुकसान की संभावना जताई गई है। उन्होंने कहा कि केन्द्र से केवल एक हजार करोड़ रुपए की सहायता राशि दी गई है। उन्होंने सवाल किया है कि बचे एक लाख एक हजार करोड़ रुपए का क्या होगा?
कई योजनाओं के पैसों का अब तक भुगतान नहीं
टीएमसी सांसद ( TMC MP ) ने कहा कि केंद्र समर्थित योजनाओं के तहत 36,000 करोड़ रुपए के तहत 11,000 करोड़ रुपए, भोजन के लिए अवैतनिक सब्सिडी पर 3,000 करोड़ रुपए और अप्रैल-मई महीने के GST से 3,000 करोड़ रुपए राशि बकाया है। डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से कोरोना महामारी पर 1,200 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। वहीं, केन्द्र की ओर से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (National Health Mission) के तहत केवल 144 करोड़ रुपए दिए गए हैं। जबकि, SDRF के तहत 250 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है। उन्होंने इन सहायता राशि पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि बाकी के 806 करोड़ रुपए कहा है?
TMC ने आर्थिक पैकेज पर भी उठाए सवाल
राज्यसभा सांसद ब्रायन ( MP Derek O'Brien ) ने ये भी आरोप लगाया कि कोरोना काल में केन्द्र की ओर से हाल में घोषित आर्थिक पैकेज 'बेकार' है। उन्होंने कहा कि इस पैकेज में असंगठित क्षेत्र को कोई सहायता नहीं दी गई है, जो सही नहीं है। TMC सांसद ने संसद सदस्य स्थानीय क्षेत्र विकास योजना निधि को स्थगित कर बचाई गई धनराशि को सीध प्रवासी मजदूरों (Migrant Labourers) के बैंक खातों में डालने की मांग की है। सांसद ने कहा कि केंद्र सरकार ने MPLADS फंड को दो साल के लिए बंद कर दिया है, यानी इससे लगभग 8,000 करोड़ रुपए की बचत हुई है। उन्होंने मांग की कि असंगठित क्षेत्र के 80 लाख श्रमिकों के बैंक खातों में 10,000 रुपये डाले जाएं। गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में कोरोना वायरस को लेकर लापरवाही बरतने का कई बार आरोप लगाया है। वहीं, राज्य सरकार का कहना है कि केन्द्र की ओर से जितनी सहायत मिलनी चाहिए, उतनी नहीं मिल रही है।
Published on:
08 Jun 2020 09:18 am
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