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नारदा केस में टीएमसी नेताओं के खिलाफ गिरफ्तारी पर ममता का सीबीआई दफ्तार पर धरना

नारदा स्टिंग टेप मामलों में तृणमूल कांग्रेस के दो मंत्रियों फरहाद हकीम और सुब्रत मुखर्जी के अलावा तृणमूल के पूर्व मंत्री और वर्तमान विधायक मदन मित्रा और कोलकाता निगम के पूर्व मेयर सोवन चट्टोपाध्याय को गिरफ्तार किया है।

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Saurabh Sharma

May 17, 2021

TMC problems rise, CBI arrests 4 leaders including cabinet minister

TMC problems rise, CBI arrests 4 leaders including cabinet minister

कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तृणमूल कांग्रेस के अपने चार नेताओं की गिरफ्तारी के विरोध में सीबीआई के कोलकाता कार्यालय में धरना शुरू कर दिया है। बनर्जी 'निजाम पैलेस' की 15वीं मंजिल पर पहुंचीं, जहां सीबीआई का भ्रष्टाचार निरोधक प्रकोष्ठ का कार्यालय है।

उनके प्रवक्ता, वकील अनिंद्यो राउत ने प्रतीक्षारत मीडियाकर्मियों से कहा कि दीदी (बनर्जी) इस सीबीआई कार्यालय को तब तक नहीं छोड़ेंगी जब तक कि उनकी पार्टी के सहयोगी रिहा नहीं हो जाते या उन्हें भी गिरफ्तार नहीं कर लिया जाता।

उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी ने सीबीआई अधिकारियों को बताया कि उन्होंने चार नेताओं को बिना किसी अनिवार्य सूचना के गिरफ्तार कर लिया है, जिनमें दो मौजूदा और दो पूर्व मंत्री शामिल हैं। राउत ने ममता बनर्जी के हवाले से कहा, "ये गिरफ्तारियां राजनीति से प्रेरित और अवैध हैं। सुवेंदु अधिकारी और मुकुल रॉय को छोड़ दिया गया है, हालांकि उन पर समान आरोप हैं।

सीबीआई कार्यालय की रखवाली कर रहे केंद्रीय बल मीडियाकर्मियों को कार्यालय के अंदर नहीं जाने दे रहे थे, इसलिए सीएम बनर्जी से बात करना संभव नहीं था, लेकिन उन्होंने राउत को पत्रकारों को 'उनका दृष्टिकोण' बताने के लिए भेजा। सीबीआई ने सोमवार को समानांतर छापेमारी शुरू की और नारद स्टिंग मामले में अपनी जांच में टीएमसी मंत्रियों फिरहाद हकीम और सुब्रत मुखर्जी और विधायक मदन मित्रा को हिरासत में लिया। कुछ ही घंटों में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सीबीआई कार्यालय पहुंच गईं।

टीएमसी नेताओं के साथ, कोलकाता के पूर्व मेयर सोवन चटर्जी को भी मामले में सीबीआई ने गिरफ्तार किया गया। नारद स्टिंग ऑपरेशन मामले में टीएमसी नेताओं को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) कार्यालय ले जाया गया। कुछ दिन पहले बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने सीबीआई को इन टीएमसी नेताओं के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति दी थी।

धनखड़ ने तृणमूल कांग्रेस को धमकी दी थी और कहा था कि उन्हें अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए। तृणमूल सांसद और वकील कल्याण बनर्जी ने मीडिया रिपोर्ट में कहा कि कि पार्टी नेताओं ने इन मामलों में हमेशा सीबीआई का सहयोग किया है।

"अब सीबीआई का कहना है कि उन्होंने चारों को गिरफ्तार कर लिया है क्योंकि वे उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर रहे हैं। अगर वे चार्जशीट दाखिल कर रहे हैं, तो इसका मतलब है कि जांच खत्म हो गई है। तो उन्हें हिरासत में लेने की आवश्यकता क्यों है और गिरफ्तारी का अनिवार्य नोटिस कहां है। यह पूरी तरह से अवैध और राजनीति से प्रेरित है, हम अदालत का रुख करेंगे।


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