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जम्मू: गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने की पहली ‘ स्मार्ट फेंस’ पायलट परियोजना की शुरुआत

locationनई दिल्लीPublished: Sep 17, 2018 12:43:58 pm

Submitted by:

Saif Ur Rehman

सीमा पर इलेक्ट्रॉनिक निगरानी वाले उपकरण लगाने से घुसपैठियों को रोकने में मदद मिलेगी।

Pakistan come in Pechora range

Pakistan come in Pechora range

श्रीनगर। सीमाओं पर तीसरी आंख की नजरें अब और भी स्मार्ट हो गई हैं। आज से पहली ‘ स्मार्ट फेंस’ पायलट परियोजना की शुरुआत हो गई है। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को जम्मू क्षेत्र में पाकिस्तान से लगी सीमा पर 5-5 किलोमीटर के दो क्षेत्रों में ‘स्मार्ट फेंस’ पायलट परियोजना का उद्घाटन किया। बता दें कि परियोजना के अंतर्गत लेजर बाड़ लगाने के साथ अनेक अत्याधुनिक इलेक्ट्रॅनिक उपकरण लगाए जा रहे हैं। एकीकृत सीमा प्रबंधन प्रणाली ( सीआईबीएमएस) के तहत पहले पाकिस्तान से लगे बॉर्डर पर उपकरण लग रहे हैं। सीमा पर दो भागों में अपनी तरह का यह पहला हाईटेक सर्विलांस सिस्टम तैयार किया गया है। इसकी सहायता से जमीन, पानी और हवा में एक अदृश्य इलेक्ट्रानिक बैरियर होगा, जिससे सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को घुसपैठियों को पहचानने और मुश्किल क्षेत्रों में घुसपैठ रोकने में सहायता मिलेगी।
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सीमा होंगी हाईटेक सील
बता दें कि कुछ दिन पहले ही सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के महानिदेशक केके शर्मा ने जानकारी दी थी कि अत्याधुनिक इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को 2,400 किमी लंबी पाकिस्तान और बांग्लादेश से लगी भारतीय सीमा पर लगाया जाएगा। पहले पाकिस्तान की सीमा सुरक्षित होंगी। उन्होंने कहा कि भारत के रिश्ते बांग्लादेश और उसकी सीमा पर फिलहाल बेहद दोस्ताना हैं। इसलिए व्यापक एकीकृत सीमा प्रबंधन प्रणाली (सीआईबीएमएस) के तहत पहले पाकिस्तान से लगी सीमा पर उपकरणों को लगाया जाएगा। उन्होंने जानकारी दी थी कि सीबीआईएम प्रणाली की पहली प्रायोगिक परियोजना जम्मू में चल रही है। ब्रह्मपुत्र के पार धुबरी में पूर्वी सीमा पर 55-60 किलोमीटर के खंड पर तकनीकी उपकरण लगाए गए हैं, क्योंकि वहां बाड़ लगाने की संभावना नहीं है।
आत्याधुनिक उपकरणों से लैस होतीं सीमाएं
सीमा पर इलेक्ट्रॉनिक निगरानी वाले उपकरण लगाए जाने हैं। बाड़े में सीसीटीवी कैमरे, नाइट विजन उपकरण, हैंड-हेल्ड थर्मल इमेज, युद्ध क्षेत्र में निगरानी रखने वाले राडार, ग्राउंड सेंसर, हाई पावर टेलीस्कोप आदि भी होंगे। इसके साथ ही सीसीटीवी कैमरे, लेजर दीवारें भी बनाई जाएंगी। इससे अगर कोई भी बाड़ के नजदीक आएगा तो तुरंत ही इसकी जानकारी केंद्रीय निगरानी प्रणाली को मिल जाएगी।
घुसपैठ पर लगेगी लगाम, तस्करी पर भी लगेगी रोक

सीमा सील होने से अवैध रास्तों को भी बंद करने में मदद मिलेगी। इन अवैध रास्तों का इस्तेमाल,तस्कर,अवैध प्रवासी और आतंकी करते हैं। बॉर्डर सील होने के बाद सीमा पार से होने वाली आतंकी घुसपैठ पर तो लगाम लगेगी ही साथ ही ड्रग्स और जाली नोट की तस्करी पर भी रोक लगेगी। भारत और पाकिस्तान के बीच की सीमा करीब 3 हजार 323 किलोमीटर लंबी है,जिसमें से 1 हजार 225 किलोमीटर का हिस्सा जम्मू कश्मीर में ,553 किलोमीटर पंजाब में,1 हजार 037 किलोमीटर राजस्थान में और 508 किलोमीटर गुजरात में पड़ती है। बता दें कि दो साल पहले केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने इस बात की जानकारी देते हुए कहा था कि दिसंबर 2018 तक भारत-पाकिस्तान बॉर्डर को पूरी तरह से सील कर दिया जाएगा।
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