
ऐसा सूर्यग्रहण उस समय होता है जब सूर्य और चंद्रमा एक सीध में होते हैं।
नई दिल्ली। सदी का सबसे लंबा सूर्य ग्रहण समाप्त हो गया। इस बार वलयाकार व कंकणावृत सूर्य ग्रहण की शुरुआत से लेकर अंत तक अद्भुत नजारा दुनियाभर के लोगों को देखने को मिला। सदी के सबसे बड़े सूर्य ग्रहण के दौरान इस तरह का सप्तरंगी नजारा देखकर लोगों ने सतर्कता के साथ इसका भरपूर आनंद उठाया।
बता दें कि रविवार को सूर्य ग्रहण सुबह 9.15 बजे शुरू होकर अपराह्न 3 बजकर 04 मिनट पर समाप्त हो गया। अब इस तरह का सूर्य ग्रहण 2034 में नजर आएगा। सूर्य ग्रहण की समाप्ति के साथ ही देशभर के मंदिरों में पूर्जा-अर्चना का काम भी शुरू हो गया।
सदी के सबसे बड़े सूर्य ग्रहण के बारे में जानने के लिए क्लिक करें पत्रिका टीवी के इस Live लिंक पर:
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परंपरा के मुताबिक सूर्य ग्रहण के दौरान अनिष्ट की आशंका होती है। इससे बचने के लिए कई शहरों में लोगों ने मंत्रों का जाप और पूजा पाठ शुरू कर दिया है। ग्रहण के दौरान मंत्रों का जाप और पाठ पर जोर दिया जाता है।
नेपाल में इस रंग में दिखा सूर्य का नजारा
देश और दुनिया में सूर्य ग्रहण अलग-अलग रंगों व नजारों से दिखाई दे रहा है।नेपाल में #SolarEclipse2020 का ऐसा भव्य दृश्य लोगों ने देखा।
देहरादून में दिखा नीला सूर्य
उत्तराखंड के देहरादून में सूर्य ग्रहण का नजारा कुछ ऐसा दिखा। लोगों ने काले चश्मे से ग्रहण के नजारे को देखा और कैमरे में कैद किया। लोग आपस में यह कहते दिखे कि यह तो नीला सूर्य है।
कराची में भी दिखा सूर्यग्रहण खूबसूरत नजारा
सदी के सबसे लंबे सूर्यग्रहण का नाजारा पाकिस्तान के कराची में दिखाई दिया है। पाकिस्तान मौसम विभाग के मुताबिक वहां पर सुबह 8:46 बजे सूर्य शुरू हुआ और यह 2 बजकर 34 बजे तक दिखाई देगा।
ये है संयुक्त अरब अमीरात में दुबई के आसमान में दिखा #SolarEclipse2020 नजारा।
देश की राजधानी दिल्ली में भी #SolarEclipse2020 दिखाई दिया। दिल्ली एनसीआर के लोग सदी के सबसे लंबा वलयाकार सूर्यग्रहण के अद्भुत नजारे का लाभ उठा रहे हैं।
जम्मू-कश्मीर में भी दिखाई दिया #SolarEclipse2020। काफी संख्या में लोगों ने इस सुंदर दृश्य का आनंद उठाया।
#SolarEclipse2020 राजस्थान में जयपुर के आसमान में देखा गया।
हरियाणा के कुरुक्षेत्र में दिखाई दिया सूर्य ग्रहण।
Solar Eclipse 2020 Updates :
- सूर्य ग्रहण की सबसे ज्यादा 11 बजकर 42 मिनट से 1.42 मिनट पर दिखाई देगा।
- अधिकतम सूर्य ग्रहण 12.10 मिनट पर दिखाई देगा।
- सूर्य ग्रहण का यह नजारा एशिया, अफ्रीका, प्रशांत, हिंद महासागर, यूरो और ऑस्ट्रेलिया में दिखाई देगा।
- महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई के आसमान में सूर्य ग्रहण देखा गया
- सूर्य ग्रहण दोपहर 3.04 मिनट तक दिखाई देगा।
- भारत में सूर्यग्रहण का आरंभ भगवान श्रीकृष्ण की राजधानी द्वारका से हो चुका है।
- दिल्ली में यह सुबह 10:20 से दोपहर 1:48 बजे तक
- मुंबई में सुबह 10 बजे से दोपहर 1:27 बजे तक
- चेन्नई में सुबह 10:22 बजे से दोपहर 1:41 बजे तक
- बेंगलुरु में सुबह 10:13 बजे से दोपहर 1:31 बजे तक दिखेगा।
वलयाकार या कंकणाकृत सूर्य ग्रहण सदी का सबसे लंबा ग्रहण भी होगा। इस तरह का सूर्य ग्रहण 1023 वर्ष बाद 3043 में लगेगा।
इस ग्रहण को देखने के लिए जहां वैज्ञानिकों, शिक्षाविदों और इसमें रुचि रखने वालों में खास उत्साह होता है। लेकिन वलयाकार सूर्य ग्रहण को खुली आंखों से नहीं देखना चाहिए। ऐसा इसलिए कि यह अशुभकारी और नुकसानदेह होता है।
भारतीय समयानुसार ( Solar Eclipse 2020 India Timing ) सुबह 9:15 से ग्रहण शुरू हो जाएगा, जो 3 बजकर 4 मिनट पर समाप्त होगा। ज्योतिषियों का दावा है कि 21 जून को लगने वाले सूर्य ग्रहण के बाद कोरोना वायरस ( Coronavirus ) का प्रभाव और तेज हो जाएगा। कोरोना का संक्रमण( Covid-19 Virus ) तेजी से बढ़ेगा और इसका तेज प्रकोप अगस्त के दूसरे सप्ताह तक रहेगा।
इससे पहले सदी का सबसे लंबा वलयाकार सूर्य ग्रहण 15 जनवरी, 2010 को लगा था। वैज्ञानिकों ने भी इस बात की पुष्टि की थी। यह ग्रहण 11.06 पर शुरु हुआ और यह दोपहर 3 बजे के बाद तक जारी रहा। वैज्ञानिकों का कहना है कि दोपहर 1.15 पर सूर्य ग्रहण अपने चरम पर था।
क्या होता है वलयाकार सूर्य ग्रहण
ज्योतिषाचार्य भारत ज्ञान भूषण का कहना है कि ऐसा वलयाकार सूर्यग्रहण उस समय होता है जब सूर्य और चंद्रमा एक सीध में होते हैंं। इस तरह का नजारा धरती पर कम ही देखने को मिलता है। इस दिन सूर्य एक चमकती अंगूठी की तरह दिखेगा। ये न तो आंशिक ग्रहण होगा और न ही पूर्ण। चंद्रमा की छाया सूर्य का 99 फीसदी भाग ढकेगी। जिस कारण सूर्य के किनारे वाले हिस्सा प्रकाशित रहेगा और बीच का हिस्सा पूरी तरह से चांद की छाया से ढक जाएगा।
15 जनवरी, 2010 को लेगर इस सूर्यग्रहण को भारत में कई जगह से देखा गया था। लेकिन सबसे अच्छा दृश्य तमिलनाडु के धनुषकोडि से दिखाई पड़ा। भारत के अलावा सूर्यग्रहण अफ्रीका, हिन्द महासागर, मालदीव, श्रीलंका और दक्षिण पूर्व एशिया में दिखाई दिया था।
3043 में लगगे इतना लंबा सूर्यग्रहण
वैज्ञानिकों का कहना है कि 2010 से पहले वलयाकार सूर्यग्रहण 22 नवंबर, 1965 को दिखाई पड़ा था। इसके बाद अगला वलयाकार सूर्यग्रहण 21 जून, 2020 के पहले दिखाई देगा। वैज्ञानिकों का दावा है कि इतने लंबे समय तक चलने वाला सूर्यग्रहण इसके बाद वर्ष 3043 से पहले नहीं दिखाई पड़ेगा।
खुली आंखों से देखना हानिकारक
विशेषज्ञों का मानना है कि खुली आंखों से सूर्यग्रहण देखना हानिकारक होता है। वैज्ञानिक ग्रहण को देखने के लिए उत्सुक रहते हैं और वे इसे अध्ययन की दृष्टि से महत्वपूर्ण मानते हैं।
वलयाकार सूर्यग्रहण को लेकर प्रचलित अंधविश्वास
वलयाकार सूर्यग्रहण को लेकर को भारत में कई अंधविश्वास प्रचलित हैं। आमतौर से इस तरह के सूर्य ग्रहण को अशुभ माना जाता है। इस दौरान लोग धार्मिक स्थलों में जाते हैं और नदियों और सरोवरों में स्नान करते हैं।
Updated on:
21 Jun 2020 05:31 pm
Published on:
20 Jun 2020 07:12 pm
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