नई दिल्ली। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से कराई गई जांच में ड्रग्स टेक्निकल अडवाइजरी बोर्ड (डीटीएबी) ने पेय पदार्थों की 5 अलग-अलग जांच की। जांच में पाया गया कि 6 सॉफ्टड्रिंक्स में जहरीले पदार्थों की मात्रा अधिक थी। इनमें पेप्सिको और कोका कोला के प्रॉडक्ट्स शामिल हैं।
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, डीटीएबी द्वारा किए गए इस अध्ययन में पाया गया कि ये टॉक्सिन्स पांच
कोल्ड ड्रिंक्स पेप्सी, कोका कोला, माउंटेन ड्यू, स्प्राइट और 7अप के पॉलीथीन टेरिफ्थेलैट बॉटल्स से नमूने निकाले गए। ये टेस्ट इसी साल फरवरी मार्च में कराये गए थे। इसमें पाया गया कि कमरे के तापमान पर भी ये खतरनाक तत्व प्लास्टिक की
बोतलों से पिघलकर कोल्ड ड्रिंक्स में मिल जाते हैं। ये टेस्ट कोलकाता में
स्थित ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हाइजीन एंड पब्लिक हेल्थ द्वारा आयोजित
किया गया था जो कि भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय के अंतर्गत आता है।
पेय पदार्थों की जांच में पाया गया कि 6 सॉफ्टड्रिंक्स में जहरीले पदार्थों की मात्रा अधिक थी। इनमें माउंटेन ड्यू
और 7अप जहां पेप्सिको का है, वहीं स्प्राइट, कोका कोला कंपनी का
प्रोडक्ट है। ये टॉक्सिन्स हैवी मेट्स एंटीमोनी, लीड क्रोमियम और कैडमियम और कंपाउंड डीईएचपी या डीआई फथलेट हैं।
एआईआईएचपीएच ने डीटीएबी के चेयरमैन जगदीश प्रसाद को इस टेस्ट से जुड़े सभी रिजल्ट कुछ दिन पहले ही सौंपे हैं। इससे पहले इस संस्थान ने विभिन्न स्वास्थ्य वर्धक दवाओं के नमूनों में भी हेवी मेटल्स पाए जाने की पुष्टि की थी।
पेप्सिको इंडिया के प्रवक्ता का कहना है, हमें अभी तक न तो जांच रिपोर्ट और न ही कोई स्कैन कॉपी के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है। जब तक वह यह नहीं जान जाते की जांच में किस मेथडॉलॉजी का प्रयोग किया गया है, हमारे लिए इस रिपोर्ट पर कुछ कहना संभव नहीं होगा।' उन्होंने कहा कि वे अपने सभी उत्पादों में फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स के नियमों का पालन करते हैं और अपने उत्पादों में इन नियमों के तहत ही हेवी मेटल्स का उपयोग करते हैं।