एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक रेलवे की ओर से कुल रेलवे स्टेशनों के 10 से 15 फीसदी स्टेशनों में यूजर चार्ज (User Charge) लिया जाएगा। पैसेंजर्स को स्टेशन पर अतिरिक्त सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। जिनमें उनके मनोरंजन समेत खाने-पीने और आराम का ध्यान रखा जाएगा। प्राइवेट ट्रेनों का किराया मार्केट के अनुसार तय किया जाएगा। रेलवे की ओर से इसे निर्धारित न करने का मकसद प्रतिस्पर्धा को बढ़ाना है। यूजर चार्ज के लिए रेलवे जल्द नोटिफिकेशन जारी करेगा। ये यूजर चार्ज यात्री किराया टिकट में जोड़कर लिया जाएगा। ये एक छोटा अमाउंट होगा। इससे टिकट के किराए में 10 से 15 रुपए का फर्क आएगा।
रेलवे के निजीकरण से यात्रियों की संख्या में भी बढ़ोत्तरी होने की उम्मीद है। इसी के चलते चुनिंदा रेलवे स्टेशनों का पुनर्निर्माण (Railway Station Redevelopment) किया जा रहा है। देश में अभी करीब 7000 रेलवे स्टेशन हैं। प्राइवेटाइजेशन के बाद देश के बड़े स्टेशनों में सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी। निजीकरण के बाद से रेलवे को करीब 30 हजार करोड़ रुपये के निजी निवेश आने की उम्मीद है। बताया जाता है कि गांधी नगर और हबीबगंज स्टेशन दिसंबर 2020 तक रिडेवलप हो जाएंगे। प्रोजेक्ट के तहत मुंबई, जयपुर, हबीबगंज, चंडीगढ़, नागपुर, बिजवासन और आनंद विहार रेलवे स्टेशन को विकसित करने की योजना है। रेल मंत्रालय (Ministry of Railway ) ने इन स्टेशनों के लिए खास प्लान भी तैयार किया है। प्राइवेट प्लेयर्स को बिडिंग के जरिए चुना जाएगा। इसके बाद स्टेशनों पर आधुनिक सुविधाएं दी जाएंगी।