
अगरतला। आए दिन कुछ न कुछ विवादस्पद बोलने के लिए मशहूर हो चुके त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब देब एक बार फिर अपने अटपटे बयान से विवादों में फंसते नजर आ रहे हैं। नोबेल पुरस्कार विजेता गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर की जयंती पर आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए बिप्लब देब ने कहा कि रविंद्र नाथ ? टैगोर ने अंग्रेजों के विरोध में अपना नोबेल पुरस्कार लौटा दिया था।उन्होंने कहा कि टैगोर अपनी अंग्रेज विरोधी भावना के चलते कभी नोबल नहीं लेना चाहते थे।
बयानबाजी के लिए मशहूर हैं बिप्लब
बता दें कि त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब देब अपने विवादित बयानों को लेकर आए दिन सुर्खयों में बने रहते हैं। उनके उल जलूल बयानों से तंग आकर शीर्ष भाजपा नेतृत्व ने अपने नेताओं को सार्वजनिक मंचों पर बोलते समय संयम बरतने की सलाह दे डाली थी। पहले उन्होंने महाभारत काल में इंटरनेट होने की बात कही फिर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को निशाना बनाते हुए उन्हें मानसिक शांति के लिए मंदिर जाने के सलाह दे डाली थी। इसके कुछ ही दिनों के बाद उन्होंने पूर्व मिस वर्ल्ड डायना हेडेन के मिस वर्ल्ड चुने जाने को लेकर सवाल खड़े कर दिए थे। फिर उन्होंने विरोधियों के नाखून नोचने की धमकी दी थी।
टैगोर पर गलत बयानी
बिप्लब देव ने अब रवींद्रनाथ टैगोर पर एक गलत बयान दे डाला है। बिप्लब देब ने कहा कि रविंद्र नाथ टैगोर ने अंग्रेजों के विरोध में अपना नोबेल पुरस्कार लौटा दिया था। बाद में अपनी गलती का अहसास होने पर उन्होंने इसी कार्यक्रम में आगे बोलते हुए कहा कि जलियावाला बाग नरसंहार के विरोध में रवींद्रनाथ टैगोर ने अंग्रेजों द्वारा दिए गए नाइटहुड के सम्मान को भी लौटा दिया था। बिप्लब के इस बयान को लेकर उनकी सोशल मीडिया पर खूब निंदा हो रही है और उनके सामान्य ज्ञान का जमकर मजाक भी उड़ाया जा रहा है।
बता दें कि रवींद्रनाथ टैगोर बंगाल के प्रसिद्द कवि, उपन्यासकार, नाटककार और चित्रकार थे। उन्होंने जलियावाला बाग हत्याकांड के विरोध में ब्रिटिश राज की तरफ से मिली नाइटहुड यानि 'सर' की उपाधि को तो लौटा दिया था, लेकिन उन्होंने नोबल पुरस्कार को कभी नहीं लौटाया था।
Published on:
11 May 2018 01:09 pm
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