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तेलंगाना आरटीसी हड़ताल: 48 हजार कर्मचारियों की नौकरी पर खतरा, यात्रियों की बढ़ी मुसीबत

टीएसआरटीसी का सरकार में विलय करने की मांग सरकार हड़ताली कर्मचारियों की मांग मानने से किया इनकार तीन दिन से जारी है हड़ताल

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तेलंगाना आरटीसी हड़ताल: 48 हजार कर्मचारियों की नौकरी पर खतरा, यात्रियों की बढ़ी मुसीबत

तेलंगाना आरटीसी हड़ताल: 48 हजार कर्मचारियों की नौकरी पर खतरा, यात्रियों की बढ़ी मुसीबत

नई दिल्ली। तेलंगाना राज्य सड़क परिवहन निगम (TSRTC) के कर्मचारियों की बेमियादी हड़ताल जारी है। परिवहन निगम के कर्मचारी तीन दिन से हड़ताल पर चल रहे हैं। वहीं केसीआर सरकार ने 48 हजार से ज्यादा कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है। आज केसीआर सरकार ने नए कर्मचारियों की भर्ती करने का आदेश जारी किया है। इसके साथ ही उन्होंने नई निजी बसों को चालू करने का आदेश दिए हैं।

बता दें कि इससे पहले सरकार ने हड़ताली कर्मचारियों से बातचीत करने से मना कर दिया है और हड़ताल पर गए 48 हजार कर्मचारियों को भी वापस नौकरी पर लेने से मना कर दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि टीएसआरटीसी में अब केवल 12 सौ कर्मचारी ही बचे हैं। करीब 50 हजार कर्मचारियों ने लगातार दूसरे दिन भी हड़ताल जारी रखी। इससे राज्य भर में बस सेवाएं पूरी तरह से चरमरा गई है। इस बस सेवा से हर दिन एक करोड़ से अधिक यात्री यात्रा करते हैं।

टीएसआरटीसी में 1200 कर्मचारी बचे

मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने रविवार रात घोषणा की थी कि राज्य के स्वामित्व वाली परिवहन सेवा में हड़ताल पर गए कर्मचारियों को वापस लेने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता है, क्योंकि वे सरकार द्वारा शनिवार की निर्धारित समय सीमा से पहले काम पर नहीं लौटे थे। मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा जारी बयान के अनुसार, "टीएसआरटीसी में अब मात्र 1200 कर्मचारी बचे हैं।"ऐसे में आशंका जताई जा रही है। सरकार ने पुराने 48 हजार कर्मचारियों को वापस नौकरी पर रखने से मना कर दिया है। हालांकि इस मुद्दे पर सरकार द्वारा फिलहाल कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है।

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त्योहारी सीजन में यात्रियों को हो रही परेशानी

बता दें कि करीब 50,000 कर्मचारी सरकार के साथ टीएसआरटीसी के विलय सहित 26 सूत्री मांगों को लेकर शुक्रवार आधी रात से हड़ताल पर हैं। केसीआर उर्फ राव ने विलय की मांग को खारिज करने के साथ ही हड़ताल पर गए कर्मचारियों से किसी भी तरह की बातचीत करने से भी मना कर दिया था।

त्योहारी सीजन में हड़ताल के कारण सड़कों से टीएसआरटीसी की 10,500 बसों नहीं है। इससे यात्रियों को भारी असुविधाओं का सामना करना पड़ा है। टीएसआरटीसी में प्रतिदिन करीब एक करोड़ यात्री नियमित यात्रा करते हैं। टीएसआरटीसी के अधिकारी किराए की बसों और अस्थायी चालकों को तैनात कर बस सेवा चला रहे हैं। वहीं मुख्यमंत्री अपने रुख पर कायम हैं। टीएसआरटीसी का सरकार में विलय नहीं होगा, जो हड़ताली कर्मचारियों की मुख्य मांग है।


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