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जानें, क्यों ट्रेंड करती रही आर्मी के एक ब्रिगेडियर की शराब कारोबारी बनने की कहानी

ट्विटर यूजर्स ने मंगलवार को अपने तरीके से ओल्ड मॉन्क रम के निर्माता कपिल मोहन को श्रद्धांजलि दीं

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उत्तर भारत में इन दिनों काफी ठंड है। इस ठिठुरती ठंड में अक्सर अपने लोगों से रम पीने की सलाह देते सुना होगा। कईयों ने तो बकायदा ओल्ड मॉन्क रम ही खरीदने पर जोर भी दिया होगा। इन बातों को पढ़कर आप कतई न सोचे कि हम भी आपको रम पीने की सलाह दे रहे हैं। दरअसल रम को घर-घर तक पहुंचाने वाले कपिल मोहन नहीं रहे। कपिल मोहन आर्मी में रह चुके हैं और ब्रिगेडियर रहते ही उन्होंने रिटायरमेंट लिया था। 2010 में उनको पद्मश्री पुरस्कार मिला था। ओल्ड मॉन्क का पिता कहे जाने वाले कपिल मोहन के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने कभी शराब का सेवन नहीं किया। वे एक बेटी की पिता थे जिनकी मृत्यु तीन महीने पहले हुई थी।

भाई की मौत के बाद बिजनेस से जुड़े
1855 की बात है। हिमाचल प्रदेश की कसौली में एडवर्ड डायर ने एक ब्रेवरी लगाई थी। एडवर्ड डायर जलियां वाला बाग कांड के दोषी जनरल डायर के पिता थे। इस ब्रेवरी का मकसद अंग्रेजों को हाई क्वालिटी वाली रम कम कीमत में उपलब्ध करवाना था। इसी दौर में एच जी मीकिन ने मीकिन एंड कंपनी लिमिटेड बनाई। बाद में दोनों कंपनियों ने समझौता किया डायर मीकिन एंड कंपनी लिमिटेड बनी। 1935 में जब बर्मा भारत से अलग हुआ तब इसका नाम फिर बदला और इसे डायर मीकिन ब्रेवरीज लिमिटेड के नाम से लोग जानने लगे। 1949 में इसे कपिल मोहन के पिता एनएन मोहन ने खरीदा और इसका नाम मोहन मीकिन लिमिटेड रखा। 1966 में यह कंपनी मोहन मीकिन ब्रेवरीज लिमिटेड के नाम से बाजार में आई। तब इस कंपनी को कपिल मोहन के बड़े भाई वी आर मोहन चलाते थे और कपिल भारतीय आर्मी में अपनी सेवा दे रहे थे। कपिल बहुत कम समय ही परिवार के बिजनेस पर दे पाते थे। वी आर मोहन के गुजर जाने के बाद कपिल मोहन पर पूरी तरह से पारिवारिक बिजनेस संभालने का दवाब बढऩे लगता है। इसके बाद 1966 में एक बार फिर कंपनी का नाम बदलकर मोहन मीकिन बेवरेजेज रख गया और इसके बाद 1980 में इसका नाम मोहन मीकिन लिमिटेड कर दिया गया। १९७३ से कपिल मोहन कंपनी के एमडी और चेयरमैन थे।

दाम कम होने की वजह से पॉपुलर हुआ ओल्ड मॉन्क
कपिल मोहन ने जब ओल्ड मॉन्क रम को लॉन्च किया तब उन्हें खुद भी यकीन नहीं था कि देश के लिए बनाए जाने वाला रम एक दिन दुनिया में सबसे ज्यादा बिकने वाला रम बन जाएगा। ऐसा कहा जाता है कि कीमत कम होने की वजह से ओल्ड मॉन्क की पॉपुलैरिटी बढ़ गई थी। इसके स्वाद जब लोगों को पसंद आने लगा तब कंपनी ने बिजनेस विस्तार के लिए ग्लास फैक्ट्री, फल-जूस प्रोडक्ट्स, नाश्ते का खाना, कोल्ड स्टोरेज में हाथ आजमाया।

ट्विटर पर उड़ी थी बंद होने की अफवाह
2015 में ओल्ड मॉन्क रम ट्विटर पर ट्रेंड करने लगा। दरअसल किसी ने इस ब्रांड के बंद होने की अफवाह उड़ा दी थी। इसके कपिल मोहन का बयान आया कि यह खबर पूरी तरह झूठी है और ऐसा कुछ नहीं होने जा रहा। हालांकि कंपनी ने यह भी माना कि इस अफवाह की वजह से बाजार में ओल्ड मॉन्क खूब बिकी थी।


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